शहरों को स्वच्छ रखने तथा कचरे से बिजली बनाने का अभिनव प्रयास मूर्त रूप ले रहा है। रीवा में दो नगर निगमों तथा 31 नगर पंचायतों के कचरे से 6 मेगावाट बिजली बनाने का संयंत्र पहड़िया में बनकर तैयार हो गया है। इसकी फर्नेश चालू हो गई हैं जिसमें कचरे के दहन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे बिजली तैयार कर ग्रिड में जोड़ने की प्रक्रिया 12 फरवरी तक पूरी हो जाएगी। पहड़िया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का 14 फरवरी को लोकार्पण किया जाएगा। सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में उप मुख्यमंत्री तथा चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के संचालन के तैयारियों की समीक्षा की।
उप मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि बिजली बनाने के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में पर्याप्त कचरे की आवश्यकता होगी। नगर निगम के सभी वार्डों तथा नगर पंचायतों से नियमित कचरा उठाने तथा उसे प्लांट पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। प्लांट के संचालन में नगर निगम, जिला प्रशासन तथा इसे चलाने वाली एजेंसी समन्वय से कार्य करे। किसी भी तरह की कठिनाई होने पर उसका मिलकर समाधान करें। यह प्लांट विन्ध्य की बहुत ही महत्वकांक्षी योजना है। इसकी सफलता समन्वय से सबके प्रयास पर ही निर्भर है। एजेंसी को कचरा परिवहन तथा अन्य मदों की राशि का समय पर भुगतान कराएं। एजेंसी अनुबंध के अनुसार निर्धारित संख्या में गाड़ियाँ नगरीय निकायों में तैनात कर कचरे का उठाव कराएं। सभी नगरीय निकायों में ट्रांसफर स्टेशन शुरू कराकर वहाँ काम्पेक्टर तत्काल स्थापित कराएं।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुक्त नगर निगम नगरीय निकायों से एजेंसी को मिलने वाली राशि के भुगतान की नियमित समीक्षा करें। कार्य के सत्यापन के बाद समय पर भुगतान होना चाहिए। बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने बताया कि एजेंसी को रीवा नगर निगम तथा सतना नगर निगम से 5.5 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कर दिया गया है। अन्य नगरीय निकायों से भी 64 हजार रुपए का भुगतान किया जा रहा है। बैठक में आयुक्त नगर निगम श्रीमती संस्कृति जैन ने बताया कि वेस्ट टू एनर्जी प्लांट से पावर ग्रिड में जैसे ही बिजली जाना शुरू हो जाएगी वैसे ही एजेंसी को पूरी राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। नगरीय निकायों के बिलों के सत्यापन के लिए कार्यक्रम तय कर दिया गया है।