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UP By-Election: BSP तैयारियों में जुटी, मायावती आज नेताओं के साथ करेंगी मंथन; आरक्षण हो सकता है मुख्य मुद्दा

UP By-Election: उत्तर प्रदेश में होने वाले 10 सीटों के उपचुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। BSP सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने 11 अगस्त को लखनऊ में इस संबंध में एक बैठक बुलाई है।

BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती आज राज्य पार्टी मुख्यालय पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य में होने वाले 10 सीटों के उपचुनाव की तैयारियों के संबंध में चर्चा करेंगी। इस दौरान उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवारों के चयन पर भी मंथन होगा। बैठक में पार्टी के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सभी जिला अध्यक्षों को भी बुलाया गया है। लोकसभा चुनाव के बाद संगठन को मजबूत करने के लिए BSP सुप्रीमो द्वारा अधिकारियों और जिला अध्यक्षों को सौंपे गए कार्यों की भी समीक्षा की जाएगी।

UP By-Election: BSP तैयारियों में जुटी, मायावती आज नेताओं के साथ करेंगी मंथन; आरक्षण हो सकता है मुख्य मुद्दा

केंद्र पर हमला

BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण में उप-वर्गीकरण पर विचार न करने का आश्वासन निराधार है। केंद्र सरकार अपने लाभ के लिए संसद सत्र बुलाती है, लेकिन अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण के महत्वपूर्ण मुद्दे पर दिए गए आश्वासन को पूरा किए बिना संसद सत्र स्थगित कर देती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और सपा की मंशा भी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि वे नेता कहां गए जिन्होंने लोकसभा चुनावों में संविधान की प्रतियां लहराई थीं। मायावती राजधानी में पार्टी के राज्य कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रही थीं।

अदालतों में भी आरक्षण होना चाहिए

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्तियों के लिए इन वर्गों के लिए पद आरक्षित होने चाहिए, ताकि इन वर्गों की आवाजें उच्च न्यायालयों में भी सुनी जा सकें। उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, वहां इन वर्गों के लोगों को इसका हिसाब अवश्य लेना चाहिए। आरक्षण का मुद्दा किसी विशेष व्यक्ति या पार्टी का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज, राष्ट्रीय हित और संविधान की सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा मुद्दा है। सभी पार्टियों को इस संबंध में अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से भी संसद सत्र बुलाने और संविधान में संशोधन कर आरक्षण की पूर्व स्थिति को बहाल करने की मांग की।

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