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नानाजी के विचारों और जीवन का प्रभाव युगों तक रहेगा – गृहमंत्री श्री शाह

केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह चित्रकूट पहुंचकर दीन दयाल शोध संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारत रत्न नानाजी देशमुख को श्रद्धासुमन अर्पित किये। विवेकानंद सभागार में भारत रत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित समारोह में गृहमंत्री श्री शाह ने कहा कि नानाजी देशमुख ने अपने सतायु जीवन में अपने जीवन का हर क्षण और शरीर का हर कण देश की सेवा को समर्पित किया। उनके जीवन दर्शन और कार्यों का प्रभाव युगों-युगों तक रहेगा। नानाजी देशमुख राजनीति के क्षेत्र में रहकर अजातशत्रु थे। उन्होंने राजनीति में रहकर भी कला, साहित्य और समाजसेवा से लगातार सरोकार बनाये रखा। नानाजी ने अपने जीवन में जो उपलब्धियां हासिल की, उसे एक जीवन में प्राप्त करना बहुत ही कठिन है।

गृहमंत्री ने कहा कि नानाजी देशमुख ने गरीबों की सेवा के लिए राजनीति छोड दी। उन्होंने समाजसेवा, व्यवहार, सनातनी संस्कार और राजनीति के समन्वय से नये सिद्धांत स्थापित किये। इन सिद्धांतों ने हम सब का मार्गदर्शन किया। देश की स्वतंत्रता के बाद जब विकास के लिए अर्थ नीति और देश नीति बनाई जा रही थी, तब पंडित दीन दयाल उपाध्याय और नानाजी देशमुख ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया। इसमें विकास की पंक्ति में अंतिम स्थान पर खडे व्यक्ति को लक्ष्य में रखकर विकास की चिंता को शामिल करते हुए आर्थिक नीति का सृजन किया। एकात्म मानववाद के सिद्धांत पर चलकर ही हमारी सरकार देश को विश्व गुरू बनाने के पथ पर आगे बढ रही है।

नानाजी देशमुख का मानना था कि जब तक गरीब और वंचितों का विकास नहीं होगा, तब तक राष्ट्र का विकास नहीं हो सकता है। इसीलिए नानाजी देशमुख ने राजनीति छोडकर चित्रकूट से अंत्योदय और ग्रामोदय की अलख जगाई। उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए असंख्य नवाचार और सफल प्रयोग किये। हमारी सरकार ने 10 सालों में 60 करोड गरीबों को पक्के मकान, बिजली, गैस सिलेण्डर और आयुष्मान कार्ड से निःशुल्क उपचार की सुविधा देकर नानाजी के सपने को पूरा करने का प्रयास किया है। अब हमारे गांव विकसित होकर अपनी परंपरा बनाये रखते हुए गोकुल गांव बन रहे हैं। नानाजी देशमुख ने अपने जीवन के संस्कारों में तिलक जी के राष्ट्रवाद और गांधीजी के ग्राम स्वराज को समाहित किया है। इसीलिए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नानाजी को राष्ट्रऋषि की उपाधि से विभूषित किया था। गृहमंत्री ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की नवीन प्रतिमा की स्थापना तथा श्रीराम दर्शन के नवीनीकृत प्रकल्प के लिए दीन दयाल शोध संस्थान को बधाई दी।

समारोह में नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मैं विद्यार्थी परिषद के समय से चित्रकूट और नानाजी देशमुख से जुडा हुआ हूं। नानाजी का जीवन प्रेरणा पुंज है। नानाजी ने सामाजिक कार्यों और ग्रामोदय के माध्यम से चित्रकूट को नई पहचान दी है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नानाजी को भारत रत्न देकर उनके कार्यों के प्रति सच्चा आदर प्रकट किया है। समारोह में दीन दयाल शोध संस्थान के सचिव अतुल जैन ने संस्थान के कार्यों तथा तीन दिवसीय कार्यशालाओं का सार संक्षेप विवरण दिया। समारोह में गृहमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से दीन दयाल उपाध्याय की नवीन प्रतिमा का अनावरण किया। गृहमंत्री ने राम दर्शन के नवीन प्रकल्प का भी लोकार्पण किया। समारोह में पंडित दीन दयाल की प्रतिमा बनाने वाले शिल्पकारों को सम्मानित किया गया।

समारोह में प्रसिद्ध कथावाचक संत मोरारी बापू ने नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि देते हुए उनके राम राज्य और ग्राम विकास के कार्यों का स्मरण किया। समारोह में संत सेनाचार्य अचरानंद महाराज, उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, सांसद खजुराहो बीडी शर्मा, सांसद सतना गणेश सिंह, विधायक चित्रकूट सुरेन्द्र सिंह गहरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, कुलगुरू ग्रामोदय विश्वविद्यालय डॉ. भरत मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष डीआरआई निखल मुंडले तथा गणमान्य नागरिक, साधू संत उपस्थित रहे। समारोह का समापन संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन द्वारा किया गया।

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