Himachal Pradesh में खतरा टला नहीं, 100 से ज्यादा सड़कें बंद, 22 शव बरामद, बाढ़ की संभावना फिर से
अब तक Himachal Pradesh के शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई बाढ़ में 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक लापता लोगों की तलाश जारी है। इस बीच, आईएमडी ने फिर से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल में बाढ़ का कहर
Himachal Pradesh के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और राज्य में 100 से ज्यादा सड़कें बंद हो गईं। मौसम विभाग ने 10 अगस्त को राज्य के विभिन्न स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश, गरज और बिजली गिरने का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, सिरमौर, चंबा, शिमला, कुल्लू, किन्नौर, सोलन और मंडी जिलों के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बाढ़ की चेतावनी भी दी है।
भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की संभावना
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, कुल 109 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी में 37, शिमला में 29, कुल्लू में 26, कांगड़ा में छह, किन्नौर और लाहौल-स्पीति में चार-चार, सिरमौर में दो और हमीरपुर में एक सड़क शामिल है। अगले पांच से छह दिनों के दौरान मानसून गतिविधि की तीव्रता और प्रभाव क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की संभावना के बारे में भी चेतावनी दी है। विभाग ने तेज हवाओं और निचले इलाकों में जलभराव के कारण बगीचों, फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की आशंका भी जताई है।
बादल फटने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हुई
वहीं, अब तक शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में 31 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई बाढ़ में 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक लापता लोगों की तलाश जारी है। कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर में फ्लैश फ्लड की खबरें हैं। सबसे अधिक प्रभावित समेज गांव है जो रामपुर उपखंड की सरपारा पंचायत के अंतर्गत आता है। यहां लगभग 25 लोग लापता हैं।
मंडी के राजभान गांव से 9 शव बरामद
अधिकारियों ने बताया कि मंडी के राजभान गांव से नौ शव, कुल्लू जिले के निरमंड और बागीपुल से तीन शव और शिमला जिले के समेज, धडकोल, ब्रो और सुन्नी डैम क्षेत्रों से 10 शव बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि कुल 22 शवों में से छह शव बुधवार को बरामद किए गए। इनमें से चार शव शिमला और दो कुल्लू में बरामद किए गए। अब तक 12 शवों की पहचान हो चुकी है और बाकी शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, लगभग 85 किलोमीटर के क्षेत्र में खोज अभियान चल रहा है।
7 दिनों से चल रहा है खोज अभियान
राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बुधवार को कहा कि बह गए क्षेत्र में पहले ही खोज अभियान चलाए जा चुके हैं, जिससे और शव मिलने की संभावना कम है। इस बीच, लगभग 30 लापता लोगों के परिवार के सदस्य निराश हो रहे हैं क्योंकि बुधवार को लगातार बारिश के बीच खोज और बचाव अभियान को सात दिन पूरे हो चुके हैं। समेज गांव में चल रहे अभियान के बारे में एनडीआरएफ के सहायक कमांडिंग अधिकारी करम सिंह ने कहा, “बारिश हो रही है, लेकिन संयुक्त खोज और बचाव अभियान जारी है।” सिंह ने कहा, “सतलुज नदी का जल स्तर बढ़ रहा है और कई जगहों पर भूस्खलन भी हो रहा है। सड़कों को साफ करने के लिए जेसीबी और अन्य मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। हमारे सैनिक कुशल हैं और रस्सियों के माध्यम से नदी को पार कर रहे हैं और उन स्थानों पर खोजबीन कर रहे हैं जहां लापता लोगों के मिलने की संभावना है।”