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अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा का 11वां दीक्षांत समारोह उल्लासपूर्वक मनाया गया।

मन को आनंद देने वाली शिक्षा ही सर्वश्रेष्ठ है – स्वामी ऋतेश्वर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यलाय विन्ध्य में शिक्षा की अलख जगा रहा है – राज्यपाल

Sunday, December 24, 2023
4:46 PM

अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा का 11वां दीक्षांत समारोह उल्लासपूर्वक मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि वृंदावन के आनंद पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी ऋतेश्वर ने विद्यार्थियों को प्रेरक उद्बोधन देते हुए कहा कि मन को आनंद देने वाली शिक्षा ही सर्वश्रेष्ठ है। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और सनातन धर्म का मेल कराकर नई तरह की शिक्षा देने के लिए शीघ्र ही सनातन विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। समारोह में राज्यपाल तथा कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों को पदक तथा उपाधि प्रदान की। समारोह का आयोजन पंडित शंभुनाथ शुक्ल सभागार में किया गया। समारोह से पूर्व मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल तथा अन्य अतिथियों के साथ विश्वविद्यालय के आचार्यों ने शोभा यात्रा निकाली। समारोह में विश्वविद्यालय की पत्रिका दीक्षा पर्व, पुस्तिका विन्ध्य भारती और दीक्षांत प्रोफाइल का विमोचन किया गया।

समारोह में कुलाधिपति श्री पटेल ने कहा कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय विन्ध्य में शिक्षा की अलख जगा रहा है। शिक्षा विकास का आधार है। शिक्षा ही हमें कत्र्तव्यों का भान कराकर श्रेष्ठ नागरिक बनाती है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा देने के साथ-साथ रोजगार मूलक पाठ¬क्रम भी संचालित करे जिससे युवाओं को रोजगार का अवसर मिल सके। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को नई शिक्षा नीति तथा रोजगार के अवसर देने के लिए कई कार्यक्रम लागू किए हैं।

प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है। सभी युवा समाज और देश के विकास में सहभागी बनें। विद्यार्थी का जीवन अनुशासित होना चाहिए। बिजली और पानी की बचत करके भी हम देश के विकास में योगदान दे सकते हैं। सभी विद्यार्थियों को मैं उज्ज्वल भविष्य और अच्छी सफलता की शुभकामना देता हूं। विद्यार्थी बड़ी से बड़ी सफलता पाने के बाद भी माता-पिता की सेवा करना न भूलें।

समारोह में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि शिक्षा विकास का आधार है। युवा अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के साथ जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करें। अपना भविष्य संवारने के साथ समाज और देश के प्रति अपना कत्र्तव्य भी निभाएं। संस्कार के बिना शिक्षा सुगंधहीन पुष्प की तरह होती है

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