Singrauli news बिना नंबर ट्रैक्टरों से हो रहा रेत का परिवहन, ओवर लोड गाडि़य़ों से हो रही वसूली
सिंगरौली। पूरे मध्य प्रदेश में इस समय जिले में रेत सबसे महंगी बिक रही है। जबकि एक दर्जन से अधिक रेत की खदानें यहां संचालित है। वजह रेत का सिंडिकेट और पुलिस की वसूली बताई जा रही है। चर्चा है कि पुलिस ट्रैक्टरों और डंपरों से प्रतिमाह के हिसाब से पैसे वसूल रही है। ऐसे में अब आम लोगों का घर बनाने का सपना पूरा होने में पहले के मुकाबले ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। गौरतलब है कि जिले में इन दोनों रेत का अवैध कारोबार वेदस्तूर जारी है। यहां रेत का कारोबार करने वाले सिंडिकेट बनाकर रेत की कीमत बढ़ा दी है। पिछले साल तीन से चार हजार रुपये में बिक रही ट्राली अब पांच से छरू हजार रुपये में पड़ रही है। जबकि 300 फिट वाले डंपर मेरे 15 से 16 हजार रुपए में मिल रही है। खनन के पट्टों पर रोक है। इसके बावजूद सक्रिय खनन माफिया पुलिस की मिलीभगत से खनन कर कई गुने दामों में रेत बेच रहे है।
सूत्रों की माने तो रिहंद नदी से गनियारी और बलियरी से व्यापक पैमाने पर रेत का खनन हो रहा है। जबकि यहां से रेत निकालने पर प्रतिबंध है। बावजूद इसके कोतवाली पुलिस ट्रैक्टरों से प्रतिमाह एक लाख रुपए जबकि डंपर से डेढ़ लाख रुपए महीना लेकर रेत निकालने की खुली छूट दीं हैं। रेत के अवैध कारोबार में दो दर्जन से ज्यादा ट्रैक्टर जबकि दर्जनों डंपर दिन ढलते ही रेत खनन और परिवहन शुरू कर देते हैं। वहीं रेत की ओवर लोड गाडय़िों से प्रति ट्रिप 500 रूपए की अवैध वसूली की जा रही है। चर्चा है कि कोतवाली पलिस केवल रेत के कारोबार से 20 लाख रुपए से ज्यादा हर माह वसूल रही है।
ओवर लोड गाडिय़ों से हो रही वसूली
क्षेत्र की सडक़ों पर रेत के ओवर लोड वाहनों का संचालन धड़ल्ले से किया जा रहा है। रेत के बेरोकटोक चलने वाले ओवर लोड वाहनों से सडक़ों की दिनों दिन हालत बदतर होती जा रही है। ओवरलोड वाहनों के कारण हर समय हादसे की आशंका बनी हुई है। लेकिन पुलिस को यह ओवरलोड गाडय़िां नजर नहीं आती। चर्चा है कि कोतवाली पुलिस रेत के अवैध कारोबार में शामिल है। अवैध रेत की कमाई सिपाही से लेकर थाना प्रभारी तक पहुंच रहा है। सूत्रों की माने तो ओवरलोड गाडिय़ों से 500 से 1000 रूपए पुलिस वसूल रही है। दिन भर में 50 से 60 हाइवा और डंपर से रेत का परिवहन हो रहा है।
बिना नंबर ट्रैक्टरों से हो रहा रेत का परिवहन
पुलिस व परिवहन विभाग की ओर से परिवहन नियमों का पालन सुनिश्चित कराने हेतु तमाम अभियान चलाए जाते हैं। इसके तहत कार्रवाई भी की जाती है। बलियरी और गनियरी से बेरोकटोक दौडऩे वाले ट्रैक्टर बिना नंबर प्लेट नजर आते हैं। इन पर प्रभावी कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। वाहनों में रेत ऊपर तक भरी रहती है। ओवरलोडिंग के कारण हादसे का खतरा बना रहता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि रेत के बिना नंबर प्लेट चल रहे ओवरलोड वाहनों से यदि कोई हादसा हुआ, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।