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Singrauli news नगर निगम ने 6 अवैध मकानों पर चलाए बुलडोजर, नोटिस का जवाब नही देने पर अवैध कब्जाधारियों पर हुई कार्रवाई

Singrauli news सिंगरौली। नगर निगम की जमींन पर बने अवैध मकानों को शनिवार सुबह 6 बजें कमिश्नर ने पक्के मकानों पर बुलडोजर चलवाया है। हालांकि कई अवैध कब्जाधारी हाई कोर्ट का स्टे लेकर आ गए। जिन पर नगर निगम का बुलडोजर नहीं चल पाया। चर्चा हैं कि नगर निगम अधिकारियों ने ही बड़े कब्जे धारियों को बचाने के लिए हाईकोर्ट का रास्ता बता दिया था। ये मकान थाना रोड के बिलौंजी तिराहे के पास नगर निगम की बेशकीमती जमीन पर अवैध रूप से बने हुए थे। 

गौरतलब है कि नगर निगम निगम की बेस कीमती जमीनों पर अवैध कब्जा है। निगम की जमीन पर अवैध कब्जा होने की जानकारी अधिकारियों को भी लगती है लेकिन कब्जा धारी अधिकारियों की जेब गरम कर देते हैं। इसके बाद अवैध कब्जा धारी की तरफ अधिकारी आंखें बंद कर लेते हैं। लिहाजा नगर निगम की जमीनों पर अवैध कब्जा हो जाता है।

बताया जा रहा है कि बिलौंजी पर कई एकड़ जमीन खाली पड़ी थी। जहां लोगों ने धीरे-धीरे कब्जा करके पक्के मकान बना लिए। यहां कुल 36 अवैध मकानों में से 29 को पहले ही तोड़ा जा चुका है। आज 7 मकानों में से एक मालिक ने हाई कोर्ट से स्टे ले रखा है, इसलिए उसे छोड़कर बाकी 6 मकानों को तोड़ा गया। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। चर्चा है कि अधिकारी नगर निगम की बेस कीमती जमीनों पर अवैध कब्जा करने के लिए लाखों रुपए का सौदा किए थे। मोटी रकम मिलने के बाद ही यह सारे अवैध निर्माण हुए हैं। 

कब्जाधारियों ने नोटिस का नहीं दिया जवाब 
आज सुबह नगर निगम का बुलडोजर अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो जीतने में उतनी बातें होने लगी। चर्चा है कि नगर निगम अधिकारी पहले पैसे लेकर अतिक्रमण करवाते हैं फिर बाद में दूसरा अधिकारी अतिक्रमण हटाने की नोटिस देता है। यदि भवन बनते समय अवध अतिक्रमण को रोक दिया जाए तो यह नौबत नहीं आएगी। इस दौरान मौजूद अधिकारियों ने बताया कि अवैध कब्जाधारियों ने ना तो नोटिस का जवाब दिया और ना ही कब्जा हटाया इसके बाद बुलडोजर चलाया जा रहा है।

नाले नहीं हो सके कब्जामुक्त
सिंगरौली स्मार्ट सिटी घोषित हो चुका है। स्मार्ट सिटी के हिसाब से नगर निगम का विकास होना है। लेकिन अवैध कब्जों की वजह से निगम का स्वरूप बदलने में काफी कठिनाई आएगी। नगर निगम का मुख्य नाला भी अवैध कब्जों की चपेट में हैं। कब्जे हटाने की बात की जाती है, लेकिन मामला टांय-टांय फिस्स हो जाता है। 

इनका कहना है  कमिश्नर ने बताया कि अवैध कब्जाधारियों को नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से कई बार नोटिस दिए गए। लेकिन उन्होंने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही खुद कब्जा हटाया। इसके बाद अतिक्रमण हटाया गया है।

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