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Sidhi news पूजा पार्क का पूर्णाहुति दिवस जटायु सतमार्ग और रावण कुमार्ग के पोषक हैं-बाला व्यंकटेश

पूजा पार्क का पूर्णाहुति दिवस जटायु सतमार्ग और रावण कुमार्ग के पोषक हैं-बाला व्यंकटेश

श्रीकृष्ण रसामृत समिति एवं  सीधी के श्रद्धालु भक्तों  के  सहयोग से चलने वाली संगीतमय श्रीराम कथा के  पूर्णाहुति दिवस में व्यास पीठ की पूजा तथा कथा प्रवक्ता वृन्दावनोपासक पं बालाव्यंकटेश शास्त्री जी का माल्यार्पण से स्वागत वन्दन हुआ। समिति के संरक्षक सुरेन्द्र सिंह बोरा, अध्यक्ष कुमुदिनी सिंह, निर्देशक लालमणि सिंह, सचिव डाॅ श्रीनिवास शुक्ल सरस, कवि अंजनी सिंह सौरभ, राजेन्द्र सिंह भदौरिया, केपी श्रीवास्तव बरिष्ठ पत्रकार, अशोक अकेला पत्रकार, श्रीमती माधुरी सिंह,आभा शुक्ला आदि ने व्यास बालाव्यंकटेश जी का माल्यार्पण से स्वागत  किये।

3जनवरी से लेकर 11जनवरी तक की नौ दिवसीय रामकथा के पूर्णाहुति दिवस की कथा  को आयाम देते हुए कथा व्यास जी  ने कहा  कि माया मृग मारीच को आते  राम जी और लखन जी ने भी देखा किन्तु माॅ जानकी बार बार  देखती थी। यहाॅ इस रहस्य का का प्रमुख  कारण यह है कि सीता जी को जगत जननी की उपाधि मृग मारीच के प्रसंग से ही मिली है। उसी प्रकार जैसे अहिल्या उद्धार के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम राम को पतित पावन की उपाधि मिली थी। आगे व्यास जी ने बताया कि जटायु सतमार्ग थे और रावण कुमार्ग में इसलिए अपनी चोंच मार के क्षण भरके लिए घायल कर दिया इतना ही  नही त्रैलोक्य के ज्ञाता श्री राम  आज एक सामान्य मानव की तरह यह कहकर विलाप कर रहे  हैं कि हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी तुम देखी सीता मृगनयनी।

सीताहरण के कारुणिक प्रसंग को आरेखित करते हुए महराज जी ने कहा कि जटायु की संवेदना इतनी अधिक थी कि उन्होने कहा कि मेरी आख के सामने रावण मेरी बेटी को हरण करके लेगया।मैं देखता रहा  अचल होगया किन्तु छुड़ा नही  पाया। राम जी ने यह वरदान दिया कि ऐ जटायु तेरे प्राण मेरी गोद में छूटेगा। यह सौभाग्य जटायु को परोपकार के कारण मिला है। आशय यह कि धर्म के पथ पर अग्रसर होने वाला ही धर्मात्मा है। आगे प्रसंग में श्रीराम कथा की प्रासंगिकता को उद्घाटित करते हुए कथा प्रबाचक बालाव्यंकटेश महराज जी ने कहा कि हमारे साथ में रघुनाथ हमें किस बात की चिन्ता। सबरी प्रसंग मे॔ व्यास जी ने कहा कि माॅता सबरी प्रतीक्षा के घाट पर बैठी हुई हैं इसलिए राम को सबरी के घर जाना पड़ा है।

कथा में श्रद्घालु भक्तों का शैलाब उमड़ पड़ा और पंडाल सहित बैठक व्यबस्था ओछी पड़ गई किन्तु समिति की सजगता के  कारण आरती एवं ब्यासपीठ की पूर्णाहुति शालीन व्यवस्था के साथ सम्पन्न हुई। कथा में आज अजयप्रताप सिंह बघेल, डाॅ लहरी सिंह, शैलेन्द्र सिंह पूर्व सीएमओ आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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