Sidhi news मकर संक्रांति में पवित्र नदियों में लोगों ने लगाई डुबकी सोन, गोपद नदी के विभिन्न तटों पर उमड़ा जनसैलाब

मकर संक्रांति में पवित्र नदियों में लोगों ने लगाई डुबकी सोन, गोपद नदी के विभिन्न तटों पर उमड़ा जनसैलाब
Sidhi news मकर संक्राति के पावन अवसर पर आज रविवार को सोन नदी, गोपद नदी, महान एवं बनास नदी के विभिन्न घाटों एवं अन्य पवित्र नदियों में हजारों लोगों ने डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं ने गुड़-तिल का दान किया। इस अवसर पर विभिन्न घाटों में मेले का आयोजन किया गया।
मकर संक्रांति के अवसर पर सोन, गोपद, महान, बनास आदि जिले की प्रमुख नदियों के विभिन्न घाटों में हजारों की संख्या में लोग स्नान कर लाई, तिल, गुड़़ आदि का दान किये। इस अवसर पर जगह-जगह मेलों का भी आयोजन किया गया। आज सुबह से ही स्थानीय शहर से भारी संख्या में लोग सोन नदी के गऊघाट, कुर्रवाह, कोलदहा, भवरसेन, जोगदहा, भेलकी घाट के लिए रवाना होने लगे थे।
जिसमें कुछ स्वयं के वाहन से तो कुछ बस, टैक्सियों, ऑटो से तो कुछ पैदल ही गये। लोगों के आने-जाने का सिलसिला आज दिन भर चलता रहा। पवित्र नदियों के घाटों में आज हजारों लोगों ने स्नान किया। साथ ही यहां आयोजित मेले में जमकर खरीददारी भी की। वहीं सीधी शहर में जगह-जगह गन्ने, खिलौने, लाई, तिल आदि की दुकानें सजी थी।
जहां लोगों ने खरीददारी की। गऊघाट मेले में सिटी कोतवाली क्षेत्र के ड्््यूटी में तैनात पुलिसकर्मी भी पूरी तरह से मुस्तैद नजर आए। वहीं कमर्जी थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस पुल केे दूसरी ओर अपने थाना की सीमा पर पूरी मुस्तैदी से जमी रही, जिससे सभी व्यवस्थाएं शांति पूर्ण रहीं। मेला क्षेत्र में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या भी काफी नजर आई। मेलों में जहां एक ओर ससुराल व मायके वालों में मेल-मिलाप का दौर चलता रहा वहीं नौजवानों ने भी इन मेलों में खूब लुत्फ उठाया। मेलों में झूलों का भी लोगों ने आनंद उठाया।
मकर संक्रांति पर विशेष महत्व रखने वाले गन्ने का भाव आसमान पर रहा। फिर भी लोगों द्वारा इसकी जमकर खरीदी की गई। मेले से लौटने वाले लोगों के हाथों में गन्ना जरूर दिखा। इन मेलों में महिलाओं व बच्चों ने भी आनंद उठाते हुए जमकर खरीददारी की। जिसमें बच्चों द्वारा खिलौनों को विशेष महत्व दिया गया। सोन नदी के पोस्ता घाट में भी मेला का आयोजन किया गया। इन मेलों में क्षेत्रीय लोगों ने बढ़-चढक़र भाग लिया। लोग सुबह से ही सोन नदी में स्नान करने के लिये रवाना हो चले थे। यह दौर दिन भर चलता रहा।
