Sidhi news अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस में लगी आग, कारणों में जुटा विभाग किन कारणों से लगी आग, विभाग जांच में कर रहा लापरवाही

Sidhi news सीधी। जिला चिकित्सालय में अचानक गुरुवार की रात तब अफरातफरी मच गई जब वहां खड़ी एंबुलेंस में आग की लौ जलने लगी। इस दौरान चिकित्सीय अमला भी हरकत में आ गया। यह घटना करीब गुरुवार की रात 11:30 बजे होना बताया जा रहा है। आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचे दो फायर ब्रिगेड़ों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग बुझाने के लिए जब यहां फायर ब्रिगेड पहुंचे तो जगह-जगह बिजली के तार लटकने के कारण उनको मौके तक पहुंचने में भी काफी दिक्कतें हो रही थी।
लिहाजा पुराने जीएमएम कॉलेज की ओर से घूमकर फायर ब्रिगेड़ों को मौके तक पहुंचना पड़ा। यदि आग पर काबू नहीं पाया जाता तो वहां खड़ी अन्य एंबुलेंस भी जलकर खाक हो जाती। दरअसल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के पुराने भवन के पीछे करीब दो दर्जन पुरानी एंबुलेंसों को खड़ा किया गया है। यहां खड़ी एंबुलेंस कई साल पुरानी हैं। कुछ तो 10-20 वर्ष पुरानी कंडम एंबुलेंस भी हैं। आग लगने का कारण फिलहाल अज्ञात बताया जा रहा है। दरअसल जिस स्थान पर काफी संख्या में पुरानी कंडम एंबुलेंस खड़ी हैं वहां बीच-बीच में आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। यह दीगर बात है कि गुरुवार की रात करीब 11:30 बजे भीषण आग लगने से हडक़ंप मच गया। जिस स्थान पर कंडम एंबुलेंसों को बड़ी संख्या में रखा गया है उसके नजदीक ही डॉक्टर्स कॉलोनी भी है।
मौके पर पहुंची पुलिस एवं प्रशासनिक अमले
आग लगने की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। आग लगने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि जिस स्थान पर पुरानी एंबुलेंसों को खड़ा किया गया है वह काफी एकांत स्थल है। इसी वजह से यहां असमाजिक तत्वों की आवाजाही भी बनी रहती है। रात में अराजक तत्व यहां शराब की महफिलें भी जमाते हैं। ऐसे में किसी के द्वारा जलती बीडी एवं सिंगरेट फेंकने के कारण भी आग लगने की घटनाएं यहां अक्सर सामने आती रहती हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि जब पुरानी एंबुलेंसों में लगातार आग लगने की घटनाएं हो रही हैं तो इसके लिए जिला अस्पताल प्रबंधन को सुरक्षा के लिए सार्थक पहल सुनिश्चित करनी चाहिए जो नहीं हो रही है।
आगजनी घटना से आवास छोंडक़र भागे कर्मचारी
गुरुवार की रात करीब 11:30 बजे जहां पुरानी कंडम एंबुलेंसों को खड़ा किया गया था वहां आग लगते ही आसपास के क्वार्टर में रहने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपना आवास छोंडक़र बाहर भाग खड़े हुए। आग इतनी विकराल थी कि यदि उसको बुझाने में और ज्यादा देरी होती तो वहां खड़ी अन्य कई एंबुलेंसों को भी अपनी चपेट में ले सकती थी। वहां के समीप ही सरकारी क्वार्टरों में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी रहते हैं। साथ ही डॉक्टर्स कॉलोनी भी बनी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं जन प्रतिनिधियों से प्राप्त एंबुलेंसों के संचालन में हमेंशा से ही बड़ी लापरवाही रही है।
हालात यह है कि नई मिली एंबुलेंस को कुछ साल के अंदर ही कंडम बनाकर पुरानी खड़ी एंबुलेंसों के बीच में खड़ी करा दिया जाता है। अच्छी हालत में एंबुलेंसों को कबाड़ घोषित कर देने के कारण विभाग के ही कुछ ड़ाइवरों एवं कर्मचारियों द्वारा इनमें लगे कीमती पार्टस को निकालकर खुर्द-बुर्द करने का सिलसिला शुरू कर दिया जाता है। कंडम घोषित एंबुलेंसों को गौर से देखा जाए तो उनमें लगे अधिकांस पार्टस गायब हो चुके हैं। विभाग द्वारा सालों बाद भी पुरानी खड़ी कंडम एंबुलेंस की नीलामी इस वजह से नहीं कराई जा रही है कि वरिष्ट कार्यालय से इसके लिए अनुमति नहीं मिल रही है। ऐसे में कबाड एंबुलेंसों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।

पुरानी वाहनों में आगजनी की घटना हुई: दीपारानी
इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. दीपारानी इसरानी ने कहा कि जिला अस्पताल परिसर में पुराने सीएमएचओ कार्यालय के पीछे पुरानी कंडम एंबुलेंसों को खड़ा किया गया है। गुरुवार रात करीब 11:30 बजे आग लगने की सूचना मिली। जिसके बाद मौके पर एसपी, टीआई समेत अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे। फायर ब्रिगेड़ों की मदद से आग बुझाने की कार्यवाही हुई। पुराने कंडम एंबुलेंस 10-20 वर्ष तक पुराने हैं। इनकी नीलामी के लिए भोपाल कार्यालय से अभी तक अनुमति न मिलने के कारण खड़े हैं।