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Sidhi news एसडीएम लिंक कोर्ट रामपुर नैकिन से परेशान हैं कास्तकार – हप्ते में दो दिन भी रामपुर नैकिन में नहीं बैठ पाते एसडीएम

एसडीएम लिंक कोर्ट रामपुर नैकिन से परेशान हैं कास्तकार – हप्ते में दो दिन भी रामपुर नैकिन में नहीं बैठ पाते एसडीएम

Sidhi news सीधी। जिले के अनुविभागीय दंडाधिकारी कार्यालय चुरहट के अधीन एसडीएम कोर्ट रामपुर नैकिन को किया गया है। जहां हप्ते में दो दिन बुधवार व शुक्रवार को चुरहट एसडीएम को रामपुर नैकिन एसडीएम कोर्ट में बैठने का नियम बनाया गया था। रामपुर नैकिन तहसील में गांवों की संख्या एवं कास्तकारों की संख्या को देखते हुए यदि प्रति दिन भी एसडीएम रामपुर नैकिन में बैठें तब भी न्यायालयीन प्रक्रिया में तेजी नहीं आ सकती। आए दिन मामलों की बढ़ोत्तरी के चलते पुराने मामलों पर नजर नहीं जा पा रही है।

विभागीय कार्यों में उलझे रहने के कारण एसडीएम हप्ते में दो दिन रामपुर नैकिन एसडीएम कोर्ट में चाह कर भी समय नहीं दे पाते। जिसके कारण कास्तकारों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है और रीडऱ से पेशी लेकर निराश होकर घर वापस लौट जाते हैं। एसडीएम की व्यस्तता का सारा फायदा रीडर उठा रहे हैं। व्यक्तिगत मामलों में अधिवक्ता रीडर पर चढ़े रहते हैं।

जिसके कारण उनकी फाइलें एसडीएम तक पहुंच जाती हैं किंतु मध्य प्रदेश शासन की भूमि व अवैध अतिक्रमण से जुड़े मामले एसडीएम के संज्ञान तक नहीं आते। जिसके चलते शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटवाने की कार्यवाही न के बराबर है। जबकि शासकीय भूमियों पर निरंतर अवैध अतिक्रमण हो रहे हैं। जिसकी शिकायत भी एसडीएम से की जाती है। मामले भी एसडीएम कोर्ट में चल रहे हैं लेकिन शासकीय भूमि को बचाने में व सुरक्षित रखने में एसडीएम पूरी तरह से फेल होते नजर आ रहे हैं।

एसडीएम कोर्ट रामपुर नैकिन में रीडर का दबदबा
रामपुर नैकिन एसडीएम कोर्ट में हप्ते में दो दिन एसडीएम के बैठने का दिन तय है। किंतु विभागीय कार्यों में व्यस्त रहने के कारण एसडीएम अक्सर हप्ते में एक दिन ही एसडीएम कोर्ट में बैठ पाते हैं। एसडीएम कोर्ट का पूरा संचालन रीडर एवं लिपिकों द्वारा किया जा रहा है। एसडीएम के नाम पर रीडर के द्वारा कास्तकारों से काफी सुविधा शुल्क वसूली जाती है। 

जिन राजस्व प्रकरणों में रीडर को सुविधा शुल्क मिल जाती है उन प्रकरणों को रीडर द्वारा निराकरण कराने का हर संभव प्रयास किया जाता है किंतु ऐसे कास्तकार जिनका रीडर से कोई संबंध नहीं है अथवा जो सुविधा शुल्क नहीं दे सकते उनकी फाइनें दबी रह जाती हैं। एसडीएम तक नहीं पहुंच पाती। शासकीय भूमि में अवैध अतिक्रमण के जो भी मामले चल रहे हैं उसमें अतिक्रमणकर्ता रीडर को काफी सुविधा शुल्क मुहैया कराकर अतिक्रमण हटाने के प्रकरण को दबवा देता है। जिसके कारण चाह कर भी एसडीएम अवैध अतिक्रमणकर्ताओं पर कार्यवाही नहीं कर पाते। रीडर के कारण एसडीएम कार्यालय रामपुर नैकिन बदमानी का दंश झेल रहा है।

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