Sidhi news नहर मरम्मत के नाम पर लंबे घोटाले की हो रही शिकायतें घांस एवं मरम्मत के नाम पर आई रकम भी डकार रहे अधिकारी
Sidhi news सीधी। महान परियोजना सीधी अंतर्गत गुलाब सागर बांध में मुख्य नहर एवं माइनर नहरों की मरम्मत के नाम पर भी भारी-भरकम रकम डकारने की जानकारी मिली है। जानकारी के अनुसार शासन द्वारा हर डिवीजन में 20 लाख रुपए नहर मरम्मत एवं सफाई के लिए दिया जाता है। उसके बाद भी अभी मरम्मत करने से भी परहेज किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों ने रकम डकारने में कोई कसर नहीं छोंड़ रहे हैं। यदि जांच की जाए तो इस मामले में भी जिम्मेदार अधिकारी घेरे में आ सकते हैं।
मालूम हो कि महान नहर परियोजना के घोटालों की पर्तें पहले भी थीं। नहर बनाने से लेकर जितना घोटाला हुआ वह किसी से छिपा नहीं है। तत्कालीन अधिकारियों ने लंबा घोटाला किया। हालात यह रही कि नहर बनने के बाद कई गांवों में गुणवत्ता की अनदेखी के कारण नहर फूट गई एवं गांव की फसलें तबाह हो गई थी। अब मरम्मत के नाम पर भी अनदेखी हो रही है। जिम्मेदार अधिकारी बजट लेने के बाद जमीनी स्तर पर काम करने से परहेज करते देखे जा रहे हैं। जिस वजह से लंबी शिकायतें मिल रही हैं।
जरूरत के हिसाब से हो रहा मरम्मत का कार्य: त्रिपाठी
इस मामले में महान परियोजना के कार्यपालन यंत्री पीके त्रिपाठी ने कहा कि जरूरत के हिसाब से काम हो रहा है। नहरों की मरम्मत में किसी तरह से लापरवाही नहीं बरती जा रही है। उन्होने कहा कि बारिश के कारण इस बार ज्यादा नहर टूट गई है। इसके लिए निरीक्षण भी किया जा रहा है। हिसाब से ज्यादा बजट नहीं आया है। इसके पहले भी यह स्थितियां बनी थीं। उन्होने कहा कि इसका बजट जल उपभोक्ता संस्था में आता है। भुगतान प्रक्रिया के लिए हम लोग काम करते हैं।
उधर एसडीओ ने दिया अलग जवाब
इस मामले में महान नहर के एसडीओ का अलग जवाब रहा जिसमें कि एसडीओ आरके सिंह ने कहा कि अभी फूटी कौड़ी नहीं आई है। इसकी जानकारी हमें नहीं है। बजट आया होगा तो अलग बात है लेकिन हमें तो यही मालूम है कि कुछ बजट नहीं आया। वहीं दूसरे एसडीओ ने इस तरह का ही गोलमाल जवाब दिया है। कुल मिलाकर कार्यापालन यंत्री एवं एसडीओ का बयान कुछ अलग ही दिख रहा है। ऐसे में कहीं न कहीं लगता है दाल काली या पूरी दाल ही काली है।