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Sidhi news प्रशासन बेखबर, डीजे पर नहीं लग रहा प्रतिबंध – सप्ताह भर के अंदर होगी बोर्ड की परीक्षा फिर भी शोरगुल पर नियंत्रण नहीं

प्रशासन बेखबर, डीजे पर नहीं लग रहा प्रतिबंध  सप्ताह भर के अंदर होगी बोर्ड की परीक्षा फिर भी शोरगुल पर नियंत्रण नहीं

Sidhi news सीधी जिले में कई मैरिज गार्डन संचालित हैं। जहां कि इन विवाह घरों में देर रात तक डीजे चलते हैं। जिसकी वजह से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही आम लोग भी कोलाहल से परेशान हो रहे हैं। लेकिन इस मसले पर जिला प्रशासन, नगर निगम अमला व पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। जबकि इसी माह से बोर्ड की परीक्षाएं प्रारंभ होने जा रही हैं। 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के सिर पर मंडराने के बीच यह शादियों का भी सीजन है। शायद हो ऐसा कोई क्षेत्र हो यहां बारात घर के अलावा सडक़ वा खाली प्लाट पर विवाह समारोह देखने को न मिले।

जहां विद्यार्थी अपने भविष्य की चिंता में पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दे है वहीं कॉलेनियों और वैध-अवैध बारात घरों में देर रात तक कोने, आर्केष्ट्रा पार्टियों ने सूर्य को पूरी तरह चौपट कर दिया है। कोलाहल एक्ट के तहत भले ही न्यायालय में जीने को प्रतिबंधित करते हुए रात 10 बजे तक ही दूसरे ध्वनि विस्तारक यंत्रों को सीमा के तहत चलाने की छूट दे दी ही। विडम्बना है कि शहर कुचे में इसके धनियां उड़ते देखी जा सकती है। लगभग हर रहयाश्री क्षेत्रों में बारात घर तने हुए हैं। यहां विवाह समारोह में आयोजक की पसंद पर देर रात तक शोर-गुल करने की सुविधा भी बारात संचालक देते हैं। इस दौरान सीधी शहर के जमोड़ी से लेकर जोगीपुर तक आधा सैकड़ा विवाह घर एवं वैवाहिक कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। जहां कि शोरगुल के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही कोई कार्यवाही  कोलाहल एक्ट के तहत न्यायालय के आदेश पर अमल करने में प्रशासन बौना साबित हो रहा है। टेंट और साउण्ड सिस्टम संचालकों की बैठक लेकर उनको नियमों का पालन करने की हिदायत तो प्रशासन देता है, लेकिन उस पर कितना अमल हो रहा है इसके लिए वह जरा भी सक्रिय नहीं है। लोगों का मानना है कि यदि एक बार प्रशासन सख्त कार्रवाई करे तो इस अव्यवस्था को काफी हद तक रोका जा सकता है।

इनको होती है सबसे ज्यादा परेशानी बड़े-बड़े डीजे बॉक्स लगाकर रात भर शोर-गुल होने के कारण इन विवाह समारोहों के पास रहने वाले लोगों का जीना दूभर हो गया है। एक ओर जहां विद्यार्थियों की पढ़ाई पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है वहीं जिस घर में मरीज है उसकी भी परेशानियां कम नहीं है। कई बार लोग जागरुकता दिखाते हुए पुलिस को फोन करते हैंए लेकिन लोगों की इस परेशानी से पुलिस को कोई खास सरोकार नहीं है।

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