Shameful incident in Odisha: आर्मी ऑफिसर की पुलिस स्टेशन में पिटाई, महिला मित्र से छेड़छाड़
Shameful incident in Odisha: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक आर्मी ऑफिसर और उसकी महिला मित्र के साथ पुलिस स्टेशन में मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप लगा है। यह घटना भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन की है, जहां आर्मी ऑफिसर और उसकी महिला मित्र सड़क दुर्घटना (रोड रेज) की शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे। लेकिन इस शिकायत की जगह उन पर ही पुलिसकर्मियों द्वारा अत्याचार और दुर्व्यवहार का आरोप लग रहा है। इस पूरे मामले की अब ओडिशा पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
क्या है पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल में तैनात एक आर्मी ऑफिसर और उसकी महिला मित्र भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। उनका कहना था कि कुछ स्थानीय युवकों ने उनके साथ सड़क पर दुर्व्यवहार किया और वे इस मामले की शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे। लेकिन वहां पुलिसकर्मियों से एफआईआर दर्ज कराने को लेकर बहस हो गई। इसी दौरान आर्मी ऑफिसर को कथित तौर पर लॉकअप में बंद कर दिया गया और महिला मित्र के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
आर्मी ऑफिसर की महिला मित्र के साथ दुर्व्यवहार
घटना के अनुसार, महिला पुलिस अधिकारी ने आर्मी ऑफिसर की महिला मित्र को एक अलग कमरे में ले जाकर उसके साथ मारपीट की, उसके कपड़े उतारे और छेड़छाड़ की। इस घटना के बाद आर्मी ऑफिसर को 10 घंटे से ज्यादा समय तक हिरासत में रखा गया, जबकि महिला मित्र को भी गंभीर मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। मामले को और गंभीर तब माना जा रहा है जब सेना के उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद आर्मी ऑफिसर को रिहा किया गया।
पुलिस का पक्ष
इस मामले में पुलिस की ओर से भी बयान सामने आया है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि आर्मी ऑफिसर और उनकी महिला मित्र नशे की हालत में पुलिस स्टेशन पहुंचे थे। जब उनसे सड़क दुर्घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराने को कहा गया, तो उन्होंने इनकार कर दिया और पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया। इसमें एक महिला पुलिसकर्मी के साथ भी अभद्रता का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने यह भी कहा है कि महिला मित्र के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
भारतीय सेना ने लिया संज्ञान
इस घटना के बाद भारतीय सेना ने भी इस पर सख्त रुख अपनाया है। सेना के सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट के माध्यम से इस घटना की निंदा की और इसे गंभीरता से लिया। सेना ने राज्य प्रशासन से इस मामले पर उचित कार्रवाई की मांग की है। भारतीय सेना इस मामले को बेहद संवेदनशील मानते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है।
मामला पहुंचा हाईकोर्ट
इस मामले में आर्मी ऑफिसर की महिला मित्र ने उड़ीसा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महिला मित्र के वकील ने हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की हैं। पहली याचिका महिला की जमानत के लिए है, जबकि दूसरी याचिका उस एफआईआर को रद्द कराने के लिए है, जो महिला के खिलाफ दर्ज की गई है। हाईकोर्ट ने पुलिस को महिला का इलाज एम्स में कराने का आदेश भी दिया है। जमानत याचिका पर सुनवाई बुधवार को होगी।
घटना का सामाजिक और कानूनी प्रभाव
यह घटना केवल एक व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक ओर जहां पुलिस सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के घटनाएं नागरिकों के विश्वास को तोड़ने का काम करती हैं। खासकर जब मामला सेना के एक अधिकारी का हो, तब यह और भी संवेदनशील हो जाता है। सेना के जवान देश की रक्षा करते हैं, और ऐसे में उनके साथ पुलिस द्वारा इस प्रकार का दुर्व्यवहार न केवल शर्मनाक है बल्कि कानून की भावना के खिलाफ भी है।
पुलिस और सेना के बीच तनाव
इस घटना के बाद पुलिस और सेना के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भारतीय सेना हमेशा अनुशासन और देश की सेवा के लिए जानी जाती है, और जब उसके किसी अधिकारी के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार होता है, तो यह संस्था की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़ा करता है। सेना की ओर से राज्य प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
समाज की प्रतिक्रिया
इस घटना ने समाज में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर लोग इस मामले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कई लोग इस घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि पुलिस के पास यदि कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है, तो उन्हें इस जिम्मेदारी का पालन अनुशासन और संवेदनशीलता के साथ करना चाहिए।