Rewa news ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय, रीवा में गुरु पूर्णिमा उत्सवः गुरु के प्रति श्रद्धा और सम्मान का आदर्श आयोजन
20 जुलाई रीवा के शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार गुरु पूर्णिमा उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस समारोह का मुख्य उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा को सम्मानित करना और शिक्षा के क्षेत्र में गुरुओं के महत्वपूर्ण योगदान को याद करना था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र शुक्ल माननीय उप मुख्यमंत्री, म.प्र. शासन, विशिष्ट अतिथि श्री राजेन्द्र ताम्रकार अध्यक्ष, जनभागीदारी समिति तथा श्री विवेक दुबे, विधायक प्रतिनिधि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी के द्वारा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं वंदना से हुई।
तत्पश्चात महाविद्यालय के पूर्व कुलगुरू, गुरुजनों, प्राचार्य, शिक्षाविदों का शाल श्रीफल एवं पुष्प कुछ से स्वागत किया गया। छात्र एवं छात्राओं द्वारा वर्तमान में कार्यरत दो सौ शिक्षको का सम्मान श्रीफल एवं पुष्पगुच्छ से किया गया। अतिथियों द्वारा एक पेड़ माँ के नाम अभियान के अंतर्गत महाविद्यालय परिसर में बृक्षारोपण किया गया।
मुख्य अतिथि श्री राजेन्द्र शुक्ल ने अपने उद्बोधन में कहा कि उद्बोधन गुरु पूर्णिमा का पर्व हमें अपने जीवन में गुरुओं के महत्व को याद दिलाता है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है, गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः। इसका अर्थ है कि गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। गुरु ही साक्षात् परब्रह्म हैं। ऐसे गुरु को मैं नमन करता हूँ। भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा की एक विशेष जगह है। गुरु हमें न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि वे हमें जीवन जीने की कला भी सिखाते हैं।
विशिष्ट अतिथि श्री राजेन्द्र ताम्रकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा भारतीय संस्कृति और इतिहास का एक महत्वपूर्ण और अद्वितीय पहलू है। यह परंपरा न केवल शिक्षा और ज्ञान के प्रसार का माध्यम है, बल्कि यह नैतिकता, संस्कार, और जीवन मूल्यों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।