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Rewa news भारतीय ज्ञान परंपरा में गणित और कंप्यूटर विज्ञान पर विचार-विमर्श प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस मे आयेजित होगा नेशनल सेमीनार

Rewa news रीवा  शहर के प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, रीवा में आगामी 3-4 मार्च 2025 को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। यह संगोष्ठी “भारतीय ज्ञान परंपरा में गणित और कंप्यूटर विज्ञान” विषय पर केंद्रित होगी और इसका आयोजन गणित और कंप्यूटर विज्ञान विभाग द्वारा महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के सहयोग से किया जा रहा है।

इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा में गणित और कंप्यूटर विज्ञान के योगदान को रेखांकित करना और आधुनिक तकनीकों के साथ इनकी प्रासंगिकता को उजागर करना है। भारतीय गणितज्ञों जैसे आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, ब्रह्मगुप्त और रामानुजन के कार्यों ने न केवल प्राचीन काल में बल्कि आज भी वैश्विक गणित और कंप्यूटर विज्ञान को प्रभावित किया है। इस संदर्भ में, यह संगोष्ठी शोधकर्ताओं, शिक्षकों और विद्यार्थियों को एक मंच प्रदान करेगी जहां वे भारतीय ज्ञान परंपरा के गूढ़ रहस्यों को समझ सकें और इनका आधुनिक विज्ञान में उपयोग कर सकें। 

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रबिन्द्र नाथ तिवारी ने संगोष्ठी के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “भारतीय ज्ञान परंपरा में गणित और विज्ञान का योगदान अतुलनीय है। यह संगोष्ठी हमें भारतीय विद्वानों के योगदान को समझने और आधुनिक तकनीकी विकास में उनकी प्रासंगिकता को स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगी।” संगोष्ठी के संयोजक डॉ. दिनकर प्रसाद शुक्ला ने बताया कि “गणित और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय परंपरा का योगदान केवल ऐतिहासिक नहीं, बल्कि समकालीन तकनीकी विकास में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस संगोष्ठी के माध्यम से हम भारतीय गणितीय विधियों को आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान के परिप्रेक्ष्य में समझने का प्रयास करेंगे।” सह-संयोजक एवं आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. नीलम पाण्डेय ने कहा कि “यह आयोजन शोधार्थियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को भारतीय गणितीय सिद्धांतों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने का अवसर प्रदान करेगा।” 

संगोष्ठी में भारतीय गणितीय इतिहास, वैदिक गणित, संख्यात्मक गणना, भारतीय तर्कशास्त्र और कंप्यूटर विज्ञान में भारतीय योगदान जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे। कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक क्षेत्रों में भारतीय गणितीय सिद्धांतों के अनुप्रयोगों पर भी चर्चा होगी। इस शैक्षिक आयोजन से न केवल महाविद्यालय बल्कि संपूर्ण शैक्षिक समुदाय को लाभ होगा और भारतीय गणित एवं कंप्यूटर विज्ञान की गौरवशाली परंपरा को पुनर्जीवित करने में सहायता मिलेगी।

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