Himachal Pradesh के शिमला-कुल्लू में बारिश का कहर, 6 मौतें, 53 लापता, 60 से अधिक घर बह गए, CM ने की घोषणा
Himachal Pradesh के कई जिलों में भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। बादल फटने और भूस्खलनों के कारण कई लोगों की मौत हो गई है और स्थानीय लोगों के घर भी बह गए हैं। शिमला और कुल्लू में भारी बारिश के कारण कई पर्यटक फंस गए और हाईवे पर लंबा जाम लग गया।
Himachal Pradesh में भारी बारिश का कहर
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण कई जिलों में तबाही मच गई है। बादल फटने से 8 लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग लापता हैं। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। स्थानीय प्रशासन इस स्थिति को लेकर सतर्क हो गया है। भारी बारिश के बाद ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भूस्खलनों की घटनाएं बढ़ गई हैं। सभी पर्वतीय नदियाँ उफान पर हैं। पर्यटकों को भारी बारिश के दौरान बाहर न जाने की सलाह दी गई है।
शिमला और कुल्लू जिलों में 6 मौतें
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा ने बताया कि बादल फटने से शिमला जिले के समेज क्षेत्र, Rampur क्षेत्र, कुल्लू के बाघीपुल क्षेत्र और मंडी के पडर क्षेत्र में व्यापक तबाही हुई है। 53 लोग लापता हैं और 6 शव बरामद किए गए हैं। 60 से अधिक घर बह गए हैं। कई गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला है।
कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने की घटनाएं
बुधवार रात को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई। मंडी के राजबन गांव से 2 शव और कुल्लू के निर्मंड से एक शव बरामद किया गया है। कुल्लू में श्रीखंड महादेव के आसपास फंसे करीब 300 लोग सुरक्षित हैं और मलाणा में लगभग 25 पर्यटकों का स्थानीय लोगों द्वारा अच्छी देखभाल की जा रही है।
CM ने पीड़ितों से की मुलाकात
अधिकारियों ने बताया कि सेना, एनडीआरएफ, इन्डो-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होमगार्ड कर्मियों की मदद से ड्रोन के माध्यम से बचाव कार्य चलाया गया। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ शिमला और कुल्लू जिलों की सीमा पर स्थित समेज का दौरा किया और पीड़ितों से बात की।
सरकार ने पीड़ितों के लिए की यह घोषणा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि लोगों को बचाना राज्य की प्राथमिकता है। लापता लोगों में 17-18 महिलाएँ और 8-9 बच्चे शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए तत्काल राहत के रूप में 50,000 रुपये की घोषणा की और कहा कि अगले तीन महीनों तक उन्हें 5,000 रुपये प्रति माह किराया दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्हें खाना पकाने की गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएँ भी प्रदान की जाएंगी।