Rahul Gandhi: भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता की कमी
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद Rahul Gandhi, जो वर्तमान में अमेरिका दौरे पर हैं, ने टेक्सास में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता की कमी हो गई है। उन्होंने इस दौरान आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर भी टिप्पणी की और कहा कि आरएसएस का मानना है कि भारत एक विचार है, जबकि कांग्रेस का मानना है कि भारत विचारों की बहुलता है। Rahul Gandhi ने जोर देकर कहा कि हर किसी को इसमें शामिल होने का अधिकार होना चाहिए, उन्हें अपने सपनों को पूरा करने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, चाहे उनकी जाति, भाषा, धर्म, परंपरा या इतिहास कुछ भी हो।
Rahul Gandhi ने आगे कहा, “यही असली लड़ाई है। यह लड़ाई चुनावों के दौरान चरम पर पहुंच जाती है जब भारत के करोड़ों लोग यह समझ जाते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री भारतीय संविधान पर हमला कर रहे हैं। मैं जो कह रहा हूं वह राज्यों के संघ का सम्मान, भाषाओं का सम्मान, धर्मों का सम्मान, परंपराओं का सम्मान और जातियों का सम्मान है।”
उन्होंने इस दौरान भारतीय संविधान का भी जिक्र किया और कहा कि जो बातें उन्होंने कहीं, वे सब संविधान में निहित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह सब बातें हमारे संविधान का हिस्सा हैं और इन्हें बचाने के लिए लड़ाई जारी रहनी चाहिए।
रोज़गार का मुद्दा भी उठाया
Rahul Gandhi ने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश इस समय बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं, जबकि चीन इस समस्या का सामना नहीं कर रहा है। इसका कारण यह है कि चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी है। उन्होंने टेक्सास के डलास विश्वविद्यालय में छात्रों से बात करते हुए कहा कि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं है, लेकिन अगर देश उत्पादन के लिए खुद को तैयार करने लगे तो वह चीन का मुकाबला कर सकता है।
“अमेरिका से उत्पादन का काम बाहर चला गया है”
Rahul Gandhi ने कहा कि 1940, 1950 और 1960 के दशक में अमेरिका वैश्विक उत्पादन का केंद्र था। जो भी सामान बनाया जाता था, वह यहीं बनाया जाता था। चाहे वह कार हो, वॉशिंग मशीन हो या टीवी, सभी चीजें अमेरिका में बनाई जाती थीं। लेकिन अब उत्पादन का काम अमेरिका से बाहर चला गया है। अब ये उत्पादन कोरिया, जापान और चीन में होता है। उन्होंने कहा कि चीन ने वैश्विक उत्पादन में सबको पीछे छोड़ दिया है।
“उत्पादन का विचार चीन को सौंप दिया गया”
Rahul Gandhi ने कहा कि पश्चिम, अमेरिका, यूरोप और भारत के पास उत्पादन का विचार था, लेकिन उन्होंने इसे चीन को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि उत्पादन का काम रोजगार पैदा करता है। अब सवाल यह है कि हम क्या करें, अमेरिका क्या करे और पश्चिम क्या करे? राहुल गांधी ने कहा कि भारत को उत्पादन के काम के बारे में सोचना होगा और इसे संगठित करना होगा। हालांकि, भारत इन मुद्दों पर बस अपनी सहमति जताता है, लेकिन यह काम नहीं चलेगा।
“उत्पादन का अधिकार चीनी के पास रहेगा”
राहुल गांधी ने कहा कि उत्पादन और निर्माण का अधिकार चीनी के पास रहेगा। यह अधिकार वियतनामी और बांग्लादेशियों के पास भी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें यह फिर से सोचना होगा कि एक लोकतांत्रिक माहौल में उत्पादन कैसे किया जाए। जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, तब तक हमें उच्च स्तर की बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा, जो कि अच्छी बात नहीं है। हम उत्पादन के बारे में सोचना बंद कर चुके हैं। हमने इसे भूलना शुरू कर दिया है। इसके कारण भारत, अमेरिका और यूरोप में बड़े पैमाने पर सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। राहुल गांधी ने कहा कि यही हमारे राजनीति के ध्रुवीकरण का भी कारण है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
राहुल गांधी ने इस पूरे भाषण के दौरान यह बात जोर देकर कही कि भारत को उत्पादन के क्षेत्र में फिर से अपना दबदबा कायम करना होगा। उन्होंने भारतीय राजनीति में प्रेम, सम्मान और विनम्रता की कमी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह मूल्यों का सम्मान और पालन ही सच्चे लोकतंत्र की पहचान है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि संविधान में निहित इन मूल्यों का आदर करना हमारी जिम्मेदारी है और यही हमारी लड़ाई का मूल आधार है।
निष्कर्ष
Rahul Gandhi के इस भाषण ने भारतीय राजनीति, रोजगार और वैश्विक उत्पादन जैसे मुद्दों पर एक नई बहस को जन्म दिया है। उनका मानना है कि भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन उत्पादन के क्षेत्र में देश को और अधिक ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही, उन्होंने भारतीय राजनीति में मूल्यों के महत्व को भी रेखांकित किया और इस पर चिंता जताई कि ये मूल्य कहीं खोते जा रहे हैं। उनका यह संदेश था कि हमें संविधान में निहित मूल्यों का सम्मान करना चाहिए और इन्हें बचाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।
About The Author
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window)
- Click to share on X (Opens in new window)
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
- Click to share on Twitter (Opens in new window)
- Click to share on Telegram (Opens in new window)
- Click to print (Opens in new window)
- Click to email a link to a friend (Opens in new window)
- Click to share on Pinterest (Opens in new window)
- Click to share on LinkedIn (Opens in new window)