हाल हीं में सम्पन्न हुए परिक्षा परिणामों से असंतुष्ट छात्रों द्वारा एनएसयूआई की जिला इकाई के अध्यक्ष सौरभ सिंह चौहान के नेतृत्व में दिनांक 18 दिसंबर को जिला मुख्यालय स्थित संजय गांधी शासकीय स्वशासी स्नोक्तर महाविद्यालय सीधी का घेराव कर प्रदर्शन किया गया। उक्त घेराव के दौरान छात्रों ने महाविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, साथ ही 8 सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है
ज्ञापन के माध्यम से महाविद्यालय में व्याप्त समस्याएं 1. महाविद्यालय के आए परीक्षा परिणाम काफी निराशाजनक है उसमें पुन: सुधार कराया जाए। 2. महाविद्यालय के एससीएसटी, ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति एवं आवास भत्ता जल्द दिलाया जाए। 3. महाविद्यालय के सामान्य छात्रावास को संचालित किया जाए। 4. महाविद्यालय के प्रो प्रमोटेड छात्रों का परीक्षा परिणाम जल्दी से जल्दी घोषित किया जाए। 5. महाविद्यालय के पुस्तकालय में सभी विषयों की पुस्तक की उपलब्ध हों, ऐसा सुनिश्चित किया जाए। 6. महाविद्यालय में वाई-फाई की व्यवस्था कराई जाए। 7. महाविद्यालय में गर्ल्स एनसीसी इकाई चालू किया जाए। 8. महाविद्यालय का क्रीड़ा मैदान किसी अन्य व्यवसाय हेतु आवंटित न किया जाए। श्री सिंह ने बताया कि उनकी महाविद्यालय प्रबंधन से बिंदुवार चर्चा हुई, जिसके लिए प्रबंधन द्वारा आश्वस्त किया गया है कि 15 दिन के अंदर ज्ञापन का समुचित निराकरण कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा न होने की दशा में एनएसयूआई सीधी एक बार फिर अपने अधिकारों तथा छात्र हितों की रक्षा के लिए महाविद्यालय का घेराव करने के लिए बाद्धय होगी। उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है जिला प्रशासन, महाविद्यालय प्रशासन या जितने भी सरकारी तंत्र हैं,
विगत दिवस हुए चुनाव के परिणामों को देखते हुए यह मान रहें होंगे कि कांग्रेस या उसके अनुसांगिक संगठन कमजोर हो गए हैं, तो यह उनकी गलतफहमी है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन सतत संघर्षशील संगठन है, फिर चाहे सत्ता में कोई भी रहा हो छात्रों के साथ अन्याय करेगा या छात्र हितो की बातों को जो भी दर किनार करेगा उसे भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का विरोध झेलना ही पड़ेगा।
उक्त कार्यक्रम में उपस्थित मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी आरटीओ सोशल मीडिया सेल के सचिव अरुण सिंह चिंटू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन सदैव छात्र हितों को ध्यान में रखकर समय-समय पर सड़क पर उतरकर संघर्ष किया है। चाहें सत्र के मध्य में हों या सत्र के बाद, हमारा छात्र संगठन हमेशा ही संघर्षरत रहता है।