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अब शहरी नक्सलवादियों का सफाया! Maharashtra सरकार ला रही है नया विधेयक, जानिए UAPA से कैसे अलग होगा

Maharashtra Bill: अब ‘शहरी नक्सल‘ से निपटने के लिए एक नया कानून आ रहा है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में इस विधेयक को प्रस्तुत किया है। इसका नाम है ‘महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम 2024’। यदि यह विधेयक पारित होता है, तो यह शहरी क्षेत्रों में बढ़ते नक्सलवाद और उनकी धमकियों का सामना करने में मदद करेगा।

इस विधेयक को लाने का कारण क्या है?

महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार (11 जुलाई) को विधानसभा में इस विधेयक को प्रस्तुत किया। उन्होंने दावा किया कि नक्सलवाद महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि कई क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है। अनेक विभिन्न संगठन नक्सलवादियों को भारी हथियार और वित्त प्रदान करने में सहायक हो रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि मौजूदा कानून इन्हें निपटाने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे।

दोषपूर्ण मान्यता पर दंडनीयता क्या होगी?

विधेयक को कानून बनने के साथ-साथ सरकार को ये अधिकार होंगे – सरकार किसी भी नक्सल संगठन को अवैध घोषित कर सकती है।

अब शहरी नक्सलवादियों का सफाया! Maharashtra सरकार ला रही है नया विधेयक, जानिए UAPA से कैसे अलग होगा

दोषपूर्ण मान्यता की आधार पर चार अपराधों के आधार पर दंड दिया जाएगा। यदि कोई अवैध संगठन का सदस्य होता है या संगठन के लिए निधि उठाता है और सहायता करता है और किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल होता है, तो अभियुक्त व्यक्ति को 2 से 7 साल की कारावास की सजा हो सकती है। जेल सजा के साथ-साथ, 2 से 5 लाख रुपये का जुर्माना भी अदा करना होगा।

इसी समय, यदि किसी को किसी भी अवैध गतिविधि करते पाया जाता है, तो 7 साल की कारावास की सजा और 5 लाख रुपये का जुर्माना होगा। इस कानून के तहत, किसी भी व्यक्ति को वारंट के बिना भी गिरफ्तार किया जा सकता है और यह गैर-जमानती होगा।

यह विधेयक UAPA से कितना अलग होगा?

महाराष्ट्र एंटी-नक्सल विधेयक और अवैध गतिविधियों के निवारण अधिनियम दोनों ही राज्य को संगठनों को “अवैध संगठन” के रूप में निर्धारित करने का अधिकार देते हैं। UAPA की बात करें, अगर कोई संगठन निषेधित होता है, तो फिर केवल उस पर उच्च न्यायालय न्यायाधीश के अध्यक्ष होने वाली एक ट्रिब्यूनल ही उस पर निर्णय दे सकता है। इसी समय, महाराष्ट्र विधेयक इस से काफी अलग होगा। इसमें एक सलाहकार मंडल होगा, जो फैसला देगा।

‘अवैध गतिविधि’ क्या होगी?

महाराष्ट्र विधेयक के अनुसार, अवैध गतिविधि में निम्नलिखित शामिल होगा:

  • जो जन आदेश, शांति और सद्भाव को खतरा या आपत्ति पैदा करता है
  • जो सार्वजनिक आदेश की रखरखाव में हस्तक्षेप करता है
  • जो कानून या उसके स्थापित संस्थानों और कर्मचारियों की प्रशासनिक रखरखाव में हस्तक्षेप करता है
  • हिंसा, तोड़फोड़ या अन्य ऐसे कार्यों में लिप्त होना या उन्हें प्रोत्साहित करना
  • रेल, सड़क, हवा या जल द्वारा संचार को बाधित या प्रोत्साहित करना

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