Mr. & Mrs. Mahi Review: जाह्नवी-राजकुमार की फिल्म का अद्वितीय मिलन, अनुरक्ति और निराशा का मिश्रित पैकेज
‘Mr. & Mrs. Mahi‘ जाह्नवी कपूर की दूसरी फिल्म है जिसमें उनके पति खुद से और अपने करियर से असंतुष्ट होते हैं, और जाह्नवी से शादी करने के बाद, यह कहानी और भी जटिल हो जाती है। पहली फिल्म ‘बवाल’ वरुण धवन के साथ 2023 में थी, उस फिल्म में भी हीरो को लाइमलाइट में रहना चाहिए था और ‘Mr. & Mrs. Mahi’ में भी हीरो को हर किसी की तारीफ प्राप्त करनी है। लेकिन ‘बवाल’ में वरुण धवन झूठ बोलता था और इस फिल्म के हीरो राजकुमार राव सच्चाई बोलने में विश्वास रखते हैं। हालांकि, दोनों ही अपने करियर में कुछ भी नहीं कर पाने के बारे में बहुत परेशान हैं और अपने नाराज़ी को पत्नी जाह्नवी कपूर पर निकालते हैं। दोनों ही फिल्मों में, जाह्नवी ने एक बहुत ही मीठी पत्नी की भूमिका निभाई है, लेकिन सच्चाई में वह दोनों फिल्मों के हीरो हैं।
स्टार कास्ट: राजकुमार राव, जाह्नवी कपूर, राजेश शर्मा, कुमुद मिश्रा, ज़रीना बहाव आदि।
निर्देशक: शरण शर्मा
कहाँ देखें: सिनेमाघरों में
स्टार रेटिंग: 3
‘Mr. & Mrs. Mahi’ का शीर्षक खुद में विशेष है और ऐसा लगता है कि कहानी केवल क्रिकेट जगत के माही यानी महेंद्र सिंह धोनी से ही नहीं, बल्कि सचिन तेंदुलकर के जीवन से भी जुड़ी है। इस फिल्म के हीरो और हीरोइन चरित्र दोनों माही नाम के हैं, एक महेंद्र (राजकुमार राव) और दूसरा माही (जाह्नवी कपूर)। इसके कारण, फिल्म का नाम ‘Mr. & Mrs. Mahi’ रखा गया है। जबकि सचिन की पत्नी अंजलि एक डॉक्टर थीं, इसलिए शायद जाह्नवी के किरदार को भी इस फिल्म में डॉक्टर के रूप में दिखाया गया है। हालांकि, असली जीवन से कुछ ट्विस्ट फिल्म की कहानी में जोड़ा गया है।
कहानी निराशा और प्रसिद्धि के बीच है!
कहानी महेंद्र (माही) की क्रिकेट के दीवानेपन से शुरू होती है, जो अपने आप को भारतीय टीम में खेलकर अपना नाम कमाना चाहता है, जैसे कि उसके टीवी स्टार भाई, जो किसी भी तरीके से सोशल मीडिया पर लाइक खरीदकर प्रकाश में रहते हैं। जबकि उसके पिता (कुमुद मिश्रा) की नजरों में वह बेकार है, राज्य टीम में चयन नहीं होने के बाद, वह मही को अपने खेल की दुकान में बिठा देता है। साथ ही, वह उसके लिए एक लड़की की तलाश करने भी शुरू करता है ताकि वह उसकी शादी कर सके।
माही को एक लड़की, महिमा अग्रवाल (जाह्नवी कपूर), भी मिल जाती है, जो एमबीबीएस में टॉप करने के बाद एक बड़े डॉक्टर के साथ प्रैक्टिस कर रही थीं। महेंद्र के पिता, एक अच्छे विक्रेता की तरह, अपने पुत्र की अच्छी व्यवस्था का प्रशंसा करते हैं। जब पुत्र इसे पसंद नहीं करता, तो उसे सच्चाई बता देते हैं और मही, इस सच्चाई से खुश होकर, इसे स्वीकार कर लेती है। बाद में, उन्हें पता चलता है कि वे दोनों क्रिकेट के बारे में बहुत पागल हैं। महिमा महेंद्र को क्रिकेट फील्ड पर वापस लाती है, लेकिन उसने अपना रियदम खो दिया है। फिर महेंद्र कोच बन जाता है और महिमा को फील्ड पर लाता है और फिर ऐसा लगता है कि हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘अभिमान’ शुरू हो गई है।
जाह्नवी कपूर का किरदार निर्दोषता से भरा है।
फिल्म में सबसे अच्छी बात राजकुमार राव और जाह्नवी कपूर की अभिनय है। जाह्नवी वास्तव में निरादारता और भावनाओं को व्यक्त करने में असमान हैं और राजकुमार राव अपने किरदार में इतने डूबे हुए हैं कि वह उसमें खो जाते हैं। शायद ही कोई बड़ा हीरो इस हद तक परेशानी में जाना चाहता है कि उसकी छवि प्रभावित हो जाए, लेकिन राजकुमार राव इस जोखिम को लेते हैं। और संभव है कि कल राजकुमार राव को इस भूमिका में अभिनय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।
इस फिल्म के निर्देशक शरण शर्मा ‘जाह्नवी कपूर विशेषज्ञ’ हैं, इससे पहले उन्होंने ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ का निर्देशन किया था, वे रणवीर कपूर की दो फिल्मों में सहायक निर्देशक रहे हैं। इस परिस्थिति में, उन्होंने जाह्नवी की भूमिका को एक और स्तर पर ले जाया है, और इसमें भी उसे लिया है। फिल्म का मुख्य विषय क्रिकेट पर है, लेकिन इसमें जीत, हार और निराशा के एक ही जूनून और भावनाएँ हैं।
क्रिकेट प्रेमियों को फिल्म पसंद आ सकती है
इस तरह की परिस्थितियों में, लोग जो बहुत मनोरंजन के मूड में फिल्म देखने जाते हैं, उन्हें यह फिल्म पसंद नहीं आ सकती, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों, परिवार दर्शकों, या जाह्नवी और राजकुमार राव के प्रशंसकों को यह फिल्म निश्चित रूप से पसंद आएगी। यह माना जाता है कि जब भी यह फिल्म OTT पर स्ट्रीम की जाएगी, तो इसे अधिक पसंद किया जाएगा। क्योंकि चुनावी माहौल और जलवायु लोगों को सिनेमा हॉल में कम ले आ रहे हैं। इसलिए इस फिल्म को सिनेमा लवर्स डे पर रिलीज़ किया जा रहा है। इसलिए पहले दिन के लिए इस फिल्म का टिकट भी केवल 99 रुपये में रखा गया है।
फिल्म में कई गाने विभिन्न संगीतकारों और गायकों द्वारा हैं, जो कहानी के साथ मिलते हैं। किसी भी भावनात्मक और रोमांटिक गानों ने अब तक लोगों के दिलों और मनों को नहीं जीता है, लेकिन जब उन्हें फिल्म के साथ देखा या सुना जाता है, तो वे बेहतर लगते हैं। यह 139 मिनट की फिल्म करण जोहर की धर्मा प्रोडक्शंस बैनर के तहत बनाई गई है।