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Calcium Carbide से पकाए जा रहे आम, जानें सेहत के लिए कितना खतरनाक है ये रसायन

Calcium Carbide: गर्मी का मौसम है और इस समय देश में आम की खपत बढ़ जाती है. बाजार में कई तरह के आम उपलब्ध हैं. कई लोग आम बड़े चाव से खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आम को समय से पहले पकाने के लिए Calcium Carbide का इस्तेमाल किया जाता है। फलों को पकाने के लिए Calcium Carbide का उपयोग प्रतिबंधित है, फिर भी इसका उपयोग किया जाता है। इसे देखते हुए FSSAI भी सतर्क हो गया है. फल संचालकों को Calcium Carbide का प्रयोग न करने की चेतावनी दी गई है। नियमों का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई करने को भी कहा गया है.

Calcium Carbide से पकाए जा रहे आम, जानें सेहत के लिए कितना खतरनाक है ये रसायन

FSSAI ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा विभागों को इस अवैध रसायन का उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। FSSAI का यह कदम उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बीच यह जानना भी जरूरी है कि Calcium Carbide क्या है और यह सेहत को कैसे नुकसान पहुंचाता है।

Calcium Carbide क्या है

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग में एचओडी प्रोफेसर Dr. Jugal Kishore बताते हैं कि Calcium Carbide एक प्रकार का रसायन है। इसका उपयोग किसी फल को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है। यह रसायन फल की नमी को सुखा देता है और उसमें इथाइल नामक गैस बनाता है। यह गैस फलों के अंदर गर्मी पैदा करती है और ऐसा वातावरण बनाती है कि फल समय से पहले पक जाते हैं। डॉ. किशोर का कहना है कि Calcium Carbide का उपयोग प्रतिबंधित है, लेकिन अधिक मुनाफा कमाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. इससे फल निर्धारित सीमा से पहले पक जाते हैं और फल जल्दी बाजार में पहुंच जाते हैं।

यह स्वास्थ्य को कैसे नुकसान पहुंचाता है?

Dr. Jugal Kishore का कहना है कि Calcium Carbide से पके आम खाने से कई समस्याएं हो सकती हैं. इससे बार-बार प्यास लगना, चक्कर आना, कमजोरी और खाना निगलने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इससे लिवर और किडनी की बीमारी का भी खतरा रहता है। चूंकि Calcium Carbide एक रसायन है, अगर यह लंबे समय तक किसी भी रूप में शरीर में प्रवेश करता है, तो कैंसर का खतरा भी होता है।

विकल्प क्या है?

FSSAI ने भारत में फलों को पकाने के लिए एथिलीन गैस के उपयोग को मंजूरी दे दी है। एथिलीन एक प्राकृतिक हार्मोन है जो फलों के पकने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। इस गैस का उपयोग फसल, किस्म और पकने के आधार पर 100 ppm(100 μl/L) तक की सांद्रता में किया जा सकता है। एथिलीन के प्रयोग से फलों को प्राकृतिक रूप से पकाने में मदद मिलती है और यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी नहीं है। केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIB&RC) ने आम और अन्य फलों को पकाने के लिए एथेफॉन 39% एसएल नामक रसायन के उपयोग को भी मंजूरी दे दी है।

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