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Mandya Violence: मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान पथराव, दो गुटों में हिंसा, दुकानों और वाहनों में आग

Mandya Violence: कर्नाटक के मांड्या जिले के नागमंगला शहर में बुधवार रात गणपति विसर्जन के दौरान दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई। गणपति विसर्जन के जुलूस पर पत्थरबाजी के बाद वहां तनाव का माहौल बन गया। बताया जा रहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने गणपति विसर्जन के दौरान जुलूस पर पत्थर फेंके, जिससे दोनों गुटों में टकराव हो गया। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

पत्थरबाजी से शुरू हुई हिंसा

सूत्रों के अनुसार, कुछ युवक गणपति प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए जुलूस निकाल रहे थे। जब ये जुलूस एक दरगाह के पास से गुजरा, तब कुछ लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके बाद दोनों गुटों में तनाव बढ़ गया और झड़पें होने लगीं। इस हिंसा में कई दुकानें और गाड़ियाँ जला दी गईं।

पुलिस ने लगाया प्रतिबंध

स्थिति को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और इलाके में धारा 144 लागू कर दी, जिससे किसी भी तरह की सार्वजनिक सभा या भीड़ जुटने पर रोक लगाई जा सके। पुलिस प्रशासन ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और गश्त तेज कर दी।

हिंदू समुदाय ने किया विरोध प्रदर्शन

घटना के बाद हिंदू समुदाय के लोगों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की और इस मामले में न्याय की गुहार लगाई।

एचडी कुमारस्वामी का बयान

इस हिंसा के बाद कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने घटना की निंदा की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। कुमारस्वामी ने राज्य सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण की नीति के कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने मांग की कि इस मामले में तुरंत और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

Mandya Violence: मांड्या में गणपति विसर्जन के दौरान पथराव, दो गुटों में हिंसा, दुकानों और वाहनों में आग

कांग्रेस सरकार पर हमला

कुमारस्वामी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह हिंसा एक विशेष समुदाय के प्रति अत्यधिक पक्षपात और तुष्टीकरण की नीति का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए सरकार ने कानून-व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने दिया, जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं।

एसडीपीआई ने मांगी अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती

कर्नाटक एसडीपीआई के प्रमुख अब्दुल मजीद ने भी घटना की निंदा की और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से आग्रह किया कि वे राज्य पुलिस प्रमुख को निर्देश दें कि वे इस मामले में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करें। मजीद ने कहा कि इस तरह की घटनाएं राज्य की सांप्रदायिक सद्भावना को नुकसान पहुँचाती हैं और राज्य की छवि को धूमिल करती हैं। उन्होंने सीएम को टैग करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “कृपया संबंधित अधिकारियों को निर्देश दें कि वे इस तरह के समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जिनका उद्देश्य समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाना है।”

स्थिति नियंत्रण में

पुलिस के अनुसार, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और इलाके में शांति बनी हुई है। प्रशासन द्वारा हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं ताकि दोबारा कोई हिंसा न हो। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।

निष्कर्ष

मांड्या की इस हिंसा ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। धार्मिक आयोजनों के दौरान इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव पैदा करती हैं और दोनों समुदायों के बीच दरार को और गहरा करती हैं। सरकार और प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो।

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