Lok Sabha Elections 2024: मतदान क्षेत्रों की निगरानी के लिए Drones का इस्तेमाल किया जाएगा
Loksabha Chunav 2024 Drone Survellance: भारत में 17वीं लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम तय हो चुका है और इन चुनावों को निष्पक्ष रूप से करवाने के लिए भी सरकार ने तैयारी कर ली है. बता दें कि मतदान 7 चरणों में कराया जाएगा, और इसके नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे. 543 सीटों के लिए 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा. चुनावों को अच्छे तरीके से करवाने के लिए इस बार ड्रोन तकनीक की मदद ली जाएगी और पोलिंग एरिया से लेकर सीमाओं तक की निगरानी की जाएगी.
Drone से होगी निगरानी
इस आर चुनावों को निष्पक्ष रखने के लिए 24×7 इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम लगाए जाएंगे, साथ ही सीमाओं की ड्रोन आधारित जांच की जाएगी. आपको बता दें कि ड्रोन आधारित जांच उन इलाकों में बेहद कारगर है जहां पर आसानी से पहुंचा नहीं जा सकता और कनेक्टिविटी कम है. ऐसे इलाकों की निगरानी करने के लिए Drones एक बेहतरीन ऑप्शन हैं, इन्हें रिमोट की मदद से कई किलोमीटर दूर बैठकर कंट्रोल किया जा सकता है. साथ ही बेहतरीन क्वॉलिटी के कैमरे होने की वजह से इनसे हर एक चीज की बारीकी से जांच कर पाना आसान हो जाएगा.
लोकसभा चुनाव 2024 की निगरानी के लिए किस तरह के Drones इस्तेमाल करेगी भारत सरकार?
Small Drones: ये Drones चुनाव आयोग के अधिकारियों को मतदान केंद्रों और मतगणना स्थलों की निगरानी करने में मदद करेंगे. इनमें कैमरे लगे होंगे जो मतदान केंद्रों के अंदर और बाहर की गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे.
Medium-sized Drones: इन Drones का उपयोग बड़े क्षेत्रों की निगरानी करने के लिए किया जाएगा, जैसे कि मतदान केंद्रों के आसपास के क्षेत्र और मतगणना स्थलों के आसपास के क्षेत्र. इनमें हाईटेक कैमरे और सेंसर लगे होंगे जो मतदान केंद्रों के आसपास की गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे.
Large Drones: इन Drones का उपयोग दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित मतदान केंद्रों की निगरानी करने के लिए किया जाएगा. इनमें हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे और सेंसर लगे होंगे जो मतदान केंद्रों के आसपास की गतिविधियों को रिकॉर्ड करेंगे.
इन Drones का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाएगा:
1.मतदान केंद्रों की निगरानी
2.मतगणना स्थलों की निगरानी
3.मतदान केंद्रों के आसपास के क्षेत्रों की निगरानी
4.मतगणना स्थलों के आसपास के क्षेत्रों की निगरानी
5.मतदान केंद्रों और मतगणना स्थलों के बीच सुरक्षा बलों की आवाजाही की निगरानी
6.Drones का उपयोग चुनाव आयोग को चुनावों की निष्पक्षता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने में मदद करेगा.
Drones से प्राप्त डेटा का उपयोग चुनाव आयोग द्वारा चुनावों में किसी भी धांधली की पहचान करने और उसे रोकने के लिए किया जाएगा.
कितनी होगी Drones की कीमत
अगर बात करें कीमत की तो इन Drones की शुरूआती कीमत तकरीबन 5 लाख से लेकर 20 लाख रुपये के बीच होती है. इनमें कई घंटों तक इस्तेमाल करने लायक बैटरी तो होती ही है, साथ ही साथ इनमें बेहद ही हाईटेक कैमरा के साथ माइक, स्पीकर और GPS जैसी सुविधाएं भी दी जा सकती हैं.