Kargil War: पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति पर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता की न्याय की पुकार
Kargil War: कारगिल युद्ध के नायक शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जी.एल. बत्रा का हाल ही में एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों पर किए गए अत्याचारों की कड़ी आलोचना की है। यह बयान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना की भागीदारी स्वीकार करने के बाद आया है।
पाकिस्तानी सेना की संलिप्तता की स्वीकारोक्ति
यह पहली बार है जब पाकिस्तान की सेना ने खुलकर यह स्वीकार किया है कि 1999 में भारत के साथ हुए कारगिल युद्ध में उसकी भूमिका थी। पाकिस्तानी सेना के इस स्वीकारोक्ति के बाद शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता जी.एल. बत्रा ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सैनिकों पर किए गए अत्याचार अब स्पष्ट रूप से सामने आ गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात को मानने में पाकिस्तान को 25 साल लग गए, लेकिन यह सच्चाई अब सबके सामने आ गई है।
कैप्टन सौरभ कालिया के पिता की 25 साल की न्याय की लड़ाई
जी.एल. बत्रा ने कैप्टन सौरभ कालिया के पिता, डॉ. एन.के. कालिया की 25 साल से चल रही न्याय की मांग का भी जिक्र किया। कैप्टन सौरभ कालिया, जो कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के हाथों बंदी बनाए गए थे, उन्हें बेरहमी से यातनाएं दी गईं और उनकी हत्या कर दी गई। यह घटना पूरे देश के लिए गहरा आघात थी। डॉ. एन.के. कालिया, अपने बेटे के साथ हुए इस अत्याचार के खिलाफ 25 साल से न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला है।
‘जल्द मिले न्याय की उम्मीद’
जी.एल. बत्रा ने कहा, “जब पाकिस्तान की सेना खुद यह मान रही है कि उन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया था, तो यह स्पष्ट है कि उन भारतीय सैनिकों पर किए गए अत्याचार भी उन्होंने ही किए थे। डॉ. कालिया पिछले 25 साल से न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब यह मामला अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें न्याय मिलेगा।”
‘भारत और पाकिस्तान को शांति से रहना चाहिए’
जी.एल. बत्रा ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के बीच शांति बनी रहे। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि दोनों पड़ोसी देश शांति से एक साथ रहें। इससे दोनों देशों की प्रगति होगी और यह दोनों के लिए फायदेमंद होगा।”
शहीदों का सम्मान और न्याय की मांग
जी.एल. बत्रा ने जोर देकर कहा कि जिन सैनिकों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी, उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तानी सेना के प्रमुख खुद यह स्वीकार कर रहे हैं कि उन्होंने यह युद्ध शुरू किया था, तो अब यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन शहीदों के परिवारों को न्याय मिले।
कौन थे कैप्टन सौरभ कालिया?
कैप्टन सौरभ कालिया भारतीय सेना के एक बहादुर अधिकारी थे, जिन्हें कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था। उन्हें बेहद क्रूरतापूर्वक यातनाएं दी गईं और उनकी हत्या कर दी गई। उनके पिता डॉ. एन.के. कालिया ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि पाकिस्तानी सेना ने जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार से इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने की मांग की थी।
अंत में
जी.एल. बत्रा का यह बयान उन सभी शहीदों के परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जिन्होंने अपने बेटे को देश की रक्षा में खो दिया। यह समय है कि उन सभी वीरों को न्याय मिले और उनके बलिदान का सम्मान हो। जब तक इन शहीदों के परिवारों को न्याय नहीं मिलता, तब तक उनकी आत्माएं चैन से नहीं रह सकेंगी।
जी.एल. बत्रा ने कहा, “अगर कुछ किया जा सकता है जिससे उन माता-पिता के दिल को शांति मिले जिनके बेटे इस युद्ध में शहीद हुए, तो वह जरूर किया जाना चाहिए।” यह समय है कि हमारे देश के वीरों का सम्मान किया जाए और उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाए। न्याय की मांग केवल एक परिवार की नहीं है, बल्कि यह पूरे देश की मांग है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे शहीदों के परिवारों को न्याय मिले।
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