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Hiccups: लगातार हिचकियों का मतलब और इससे जुड़ी बीमारियां

हिचकियों (Hiccups) का अनुभव हर किसी ने कभी न कभी किया है। आमतौर पर, जब हमें हिचकियां आती हैं, तो हम अक्सर मान लेते हैं कि कोई हमें याद कर रहा है। कई बार सार्वजनिक स्थानों पर हिचकियां आने पर, हम पानी पीकर इसे रोकने की कोशिश करते हैं। लेकिन हिचकियों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी, यह गले में भोजन फंसने या अत्यधिक मसालेदार भोजन खाने के कारण भी हो सकता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि हिचकियों के पीछे के कारण क्या हैं और जब हिचकियां लंबे समय तक बनी रहती हैं, तो यह किस प्रकार की बीमारियों का संकेत हो सकती हैं।

हिचकियों के कारण

हिचकियां हमारे शरीर की एक प्रक्रिया हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, हिचकियां सीधे तौर पर सांस लेने से जुड़ी होती हैं। अगर हमारी पाचन या श्वसन प्रणाली में कोई समस्या होती है या अधिक गतिविधि होती है, तो हिचकियां शुरू हो जाती हैं। हिचकियों का कारण डायाफ्राम और पसलियों की मांसपेशियों में संकुचन होता है, जो पेट और फेफड़ों के बीच होती हैं। जब आप सांस लेते हैं, तो डायाफ्राम इसे नीचे खींचता है और जब आप छोड़ते हैं, तो यह वापस आराम की स्थिति में आ जाता है।

डायाफ्राम के संकुचन के कारण, फेफड़े तेजी से हवा खींचते हैं, जिससे व्यक्ति को हिचकियां आने लगती हैं। हिचकियों का कारण पेट से भी जुड़ा होता है। अगर आप बहुत अधिक भोजन कर लेते हैं, तो पेट अधिक फूल जाता है, जिससे भी हिचकियां आ सकती हैं।

Hiccups: लगातार हिचकियों का मतलब और इससे जुड़ी बीमारियां

हिचकियों के सामान्य कारण

  • बहुत अधिक या बहुत तेजी से खाना: जल्दी-जल्दी भोजन करने से पेट में अधिक गैस बनती है, जो हिचकियों का कारण बन सकती है।
  • नर्वस या उत्साहित होना: भावनात्मक तनाव भी हिचकियों का कारण हो सकता है।
  • अत्यधिक कार्बोनेटेड ड्रिंक या शराब का सेवन: इनका अधिक सेवन पेट में गैस का कारण बनता है।
  • तनाव: मानसिक तनाव और चिंता हिचकियों का कारण बन सकते हैं।
  • तापमान में अचानक बदलाव: ठंडा और गर्म भोजन या पेय पदार्थों के बीच अचानक बदलाव हिचकियों का कारण हो सकते हैं।
  • कैंडी चूसने या चुइंग गम चबाने के दौरान हवा निगलना: इससे भी हिचकियों की समस्या हो सकती है।

हिचकियों के अन्य संभावित कारण

हालांकि हिचकियां आमतौर पर अस्थायी होती हैं, लेकिन अगर ये लंबे समय तक बनी रहती हैं, तो ये गंभीर समस्याओं का संकेत भी हो सकती हैं:

  • नर्व डैमेज (Nerve Damage): लंबे समय तक हिचकियां फेरेनिक और वेगस नसों की क्षति का संकेत हो सकती हैं। इन नसों की क्षति कई समस्याओं को जन्म दे सकती है।
  • सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर (Central Nervous System Disorder): हिचकियां तब होती हैं जब सेंट्रल नर्वस सिस्टम में ट्यूमर या इन्फेक्शन की वजह से समस्या होती है।
  • मेटाबोलिक डिसऑर्डर (Metabolic Disorder): लंबे समय तक हिचकियां अत्यधिक शराब के सेवन, डायबिटीज, या किडनी रोग जैसे मेटाबोलिक विकारों का संकेत हो सकती हैं।

हिचकियों को कैसे रोका जा सकता है?

हिचकियों को रोकने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं:

  • ठंडा पानी पीना: ठंडा पानी पीने से डायाफ्राम की उत्तेजना शांत हो जाती है, जिससे हिचकियां रुक सकती हैं।
  • सांस रोकना: कुछ समय के लिए सांस रोकने से भी हिचकियां रुक सकती हैं। यह डायाफ्राम को आराम देने में मदद करता है।
  • गहरी सांस लेना: गहरी और धीरे-धीरे सांस लेना भी हिचकियों को नियंत्रित कर सकता है।
  • शहद का सेवन: एक चम्मच शहद का सेवन भी हिचकियों को रोकने में सहायक हो सकता है।

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