Health Risk: पानी पूरी की लालसा खतरे में, कैंसर का खतरा
Health Risk: अगर आप भी पानी पूरी के शौकीन हैं, तो सावधान रहें, क्योंकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। गोलगप्पे में उपयुक्त रंग न होने से कई प्रकार के कैंसर बढ़ सकते हैं और ये दमा भी आ सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गोलगप्पे के सैंपल्स में कैंसर के कारक तत्व पाए गए हैं।
खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSA) के अधिकारी ने राज्य के 10 जिलों से सैंपल्स एकत्रित किए थे, जिनमें अधिकांशतः खराब गुणवत्ता और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाए गए थे। पहले ही अधिकारियों ने खुलासा किया था कि 22% गोलगप्पे के सैंपल्स सही नहीं हैं। 260 सैंपल्स में से 41 में अर्टिफिशियल रंग और कैंसर कारक तत्व पाए गए हैं।
विशेषज्ञों का क्या कहना है
विशेषज्ञ कहते हैं कि खाद्य वस्त्रों को आकर्षक और स्वादिष्ट बनाने के लिए अर्टिफिशियल रंग का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। खाद्य में ऐसे सिंथेटिक तत्वों के अत्यधिक प्रसार से कैंसर का खतरा बढ़ता है। यह पेट के स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है और सूजन को बढ़ा सकता है।
बच्चों में खतरनाक बीमारियों का खतरा
विशेषज्ञ कहते हैं कि इन खाद्य पदार्थों को खाने से बच्चों में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इससे एलर्जी और दमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर पानी पूरी का पानी प्रदूषित होता है, तो बच्चों को टाइफाइड या खराब खाद्य से होने वाली बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
खाद्य में रंग जोड़ने का क्यों खतरा है?
विशेषज्ञ कहते हैं कि ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अर्टिफिशियल रंग का उपयोग किया जा रहा है। जो इसके स्वाद में वृद्धि करता है। खाद्य में सनसेट येलो, कार्मोसिन और रोडामाइन-बी जैसे रंगों का उपयोग शरीर के लिए जहर से कम नहीं है। यह स्वास्थ्य पर गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इस तरह की चीजों से बचना बेहतर है।
जांच क्यों की गई थी?
रोजाना, पानी पूरी खाने के बाद लोगों के कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के मामले सामने आते हैं। इस तरह की शिकायतों के बाद, पानी पूरी की गुणवत्ता की जांच करने का निर्णय लिया गया था। बता दें कि यह एक सबसे ज्यादा खायी जाने वाली स्ट्रीट फूड में से एक है। इसलिए इसकी गुणवत्ता की जांच करना आवश्यक था। FSSAI की जांच में पाया गया कि पानी पूरी बनाने में ब्रिलियंट ब्लू, सनसेट येलो और टार्ट्राज़ीन जैसे रसायनिक और अर्टिफिशियल रंग इस्तेमाल होते हैं।