मध्यान भोजन पर समूहों का डाका, बीआरसी चितरंगी बने मुकदर्शन
दर्जनों समूह सिर्फ रजिस्टर में बना रहे मध्यान भोजन, नहीं हो रही जांच
सिंगरौली। जिले के विकासखंड चितरंगी अंतर्गत तकरीबन आधा सैकड़ा ऐसे मध्यान भोजन समूह है जो ज्यादातर कागजों में ही मध्यान नौनिहालों को परोस रहे हैं हकीकत देख तो रजिस्टर में नौनिहालों के उपस्थिति दर्ज की जा रही है इसके बावजूद बीआरसी चितरंगी मूकदर्शक बने हुए हैं। बताया जाता है कि दर्जनों ऐसे समूह है जो रजिस्टर पर ही मध्यान परोस रहे हैं। इन समूहों पर आखिर बीआरसी क्यों मेहरबान हैं यह बात समझ से परे लग रही है।
सूत्रों की बातों पर गौर करें तो विकासखंड चितरंगी अंतर्गत कई ऐसे समूह हैं जो मध्यान भोजन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं इन समूहों की स्थिति को देख तो यह समूह भले ही रजिस्टर में मध्यान भोजन नौनिहालों को परोस रहे हैं लेकिन जमीनी धरातल पर देखे तो सिर्फ कोरमा पूर्ति का खेल खेला जा रहा है स्थानीय लोगों की बातों पर गौर करें तो इन समूहों के द्वारा सिर्फ रजिस्टर में पर्याप्त छात्र-छात्राओं की उपस्थिति दर्ज कर समूह के नाम पर जमकर बंदर बाट कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस समूह के द्वारा मध्यान भोजन के नाम पर प्रति महीने 25 से 30 हजार का खेल खेला जा रहा है। इसकी जानकारी ब्लॉक समन्वयक को है इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी के रहमों करम पर मध्यान भोजन के नाम पर जमकर भर्रेशाही की जा रही है।
सूत्र तो यह भी बताते हैं कि बीआरसी चितरंगी के द्वारा सभी समूह से प्रति महीने निश्चित वसूली की जाती है जिसके चलते इस समूहों पर कार्रवाई नहीं हो रही है दवा तो यह भी किया जाता है कि अगर ब्लॉक समन्यक के द्वारा या जिला स्तर से इन समूह की विधिवत जांच की जाए तो मामला बे पर्दा हो सकता है लेकिन कमीशन की चढ़ोतरी के आगे जिम्मेदार अधिकारी कुंभकरण निद्रा में सो रहे हैं। यही वजह है कि ऐसे भर्रेशाही में संलिप्त समूह की जांच नहीं हो रही है।