जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे चुनाव, PM Modi ने की विशेष अपील
PM Modi: जम्मू और कश्मीर में 10 साल के लंबे अंतराल के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, और यह लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। पहले चरण के चुनावों की शुरुआत हो चुकी है, और आज 24 सीटों पर मतदान हो रहा है। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से विशेष अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर जनता से बड़ी संख्या में मतदान करने का अनुरोध किया है और विशेष रूप से युवा और पहली बार वोट डालने वाले मतदाताओं से मतदान करने की अपील की है।
PM Modi ने कहा, “जैसे ही जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव का पहला चरण शुरू हो रहा है, मैं उन सभी निर्वाचन क्षेत्रों से अनुरोध करता हूं जहां आज मतदान हो रहा है कि वे बड़ी संख्या में मतदान करें और लोकतंत्र के इस उत्सव को मजबूत करें। विशेष रूप से मैं युवाओं और पहली बार मतदान करने वालों से आग्रह करता हूं कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करें।”
10 साल बाद हो रहे हैं विधानसभा चुनाव
जम्मू और कश्मीर में पिछले एक दशक से विधानसभा चुनाव नहीं हुए थे। इस लंबे अंतराल के बाद, जनता को अब फिर से अपने प्रतिनिधियों को चुनने का अवसर मिल रहा है। आज के मतदान में 24 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं, और इस पहले चरण में कुल 219 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। यह चुनाव जम्मू और कश्मीर के राजनीतिक और लोकतांत्रिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि विभिन्न राजनीतिक दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है।
किस्मत आजमा रहे हैं 219 उम्मीदवार
पहले चरण के चुनाव में 219 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इन उम्मीदवारों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और अन्य छोटे दलों के प्रत्याशी शामिल हैं। सबसे अधिक उम्मीदवार पुलवामा जिले के पंपोर सीट पर हैं, जहां 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। पहले चरण में कुल 279 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन दाखिल किए थे, जिनमें से 60 उम्मीदवारों ने बाद में नाम वापस ले लिया। अब 219 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से 9 महिलाएं और 92 स्वतंत्र उम्मीदवार हैं।
पहले चरण में इन सीटों पर हो रहा है मतदान
पहले चरण के तहत जिन सीटों पर मतदान हो रहा है उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डीएच पोरा, कुलगाम, देवसर, डोरू, कोकेरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबिहारा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पाडर-नगसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं।
बिजबिहारा सीट पर भी हो रहा है चुनाव
पहले चरण में सबसे चर्चित सीटों में से एक बिजबिहारा सीट है, जो लंबे समय से मुफ्ती परिवार का गढ़ रही है। इस सीट से पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। महबूबा मुफ्ती और उनके पिता, मुफ्ती मोहम्मद सईद, दोनों ही इस सीट से पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इल्तिजा के चुनावी मैदान में उतरने से इस सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है।
छोटे दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों की भूमिका
पहले चरण के चुनाव में कई छोटे राजनीतिक दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। 92 स्वतंत्र उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें से कई अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावशाली माने जाते हैं। इन स्वतंत्र उम्मीदवारों का मतदाताओं पर कितना प्रभाव पड़ेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि बड़े दलों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
शांतिपूर्ण मतदान का महत्व
जम्मू और कश्मीर के हालात को देखते हुए चुनाव आयोग और सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की है। क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, ताकि मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके। राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और संघर्ष की पृष्ठभूमि को देखते हुए यह चुनाव काफी संवेदनशील है, और इसलिए शांति और सुरक्षा बनाए रखना सभी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
युवाओं की भागीदारी पर जोर
PM Modi की अपील विशेष रूप से युवाओं और पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं के लिए महत्वपूर्ण है। जम्मू और कश्मीर की युवा पीढ़ी के लिए यह चुनाव एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वे अपने मताधिकार का उपयोग कर सकते हैं और राज्य के भविष्य को आकार दे सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि युवा मतदाता इस चुनाव में एक निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि वे नई नीतियों और सुधारों की उम्मीद करते हैं।
चुनाव का भविष्य पर असर
जम्मू और कश्मीर का यह चुनाव न केवल राज्य के राजनीतिक भविष्य को तय करेगा, बल्कि इसका राष्ट्रीय राजनीति पर भी प्रभाव पड़ सकता है। राज्य में लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है, और इन चुनावों के माध्यम से जनता को अपनी आवाज उठाने का अवसर मिल रहा है। इसके अलावा, यह चुनाव जम्मू और कश्मीर में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।