मुख्यमंत्री मोहन यादव तोड़ेंगे उज्जैन में रुकने का मिथक, आधिकारिक कार्यक्रम हुआ जारी।
मुख्यमंत्री शनिवार दोपहर 02:45 में उज्जैन आएंगे और अगले दिन रविवार को 01:25 बजे दोपहर हवाई पट्टी से कूनो के लिए रवाना होंगे। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में यह मान्यता बहुत लंबे समय से चली आ रही है, कि जो भी राजनेता बाबा महाकाल के दरबार में रात गुजारते हैं, उनकी सत्ता में वापसी नहीं हो पाती. दरअसल बाबा महाकाल को उज्जैन का राजाधिराज माना जाता है. इसलिए ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल के दरबार में एक साथ दो राजा नहीं रूक सकते हैं, उज्जैन को महाकाल की नगरी माना जाता है। उज्जैन को लेकर मान्यता यह है कि इस शहर के मालिक महाकाल हैं।
इसी वजह से कोई सीएम या वीवीआईपी उज्जैन में रात को नहीं रुकता है। ये मिथक दो बार सच होता देखा भी गया है, तब से आज तक कोई भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी रियासत के राजा या वीवीआईपी उज्जैन में रात्रि विश्राम नही करते, बताया जाता है कि भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई एक रात उज्जैन में रुके थे और दूसरे दिन ही उनकी सरकार गिर गई थी. वहीं कर्नाटक के मुख्मंत्री येदियुरप्पा ने भी उज्जैन में रात्रि विश्राम किया थे,
जिसके 20 दिन बाद उन्हें अपने पद से त्याग पत्र देना पड़ा था। सिंधिया राजघराने का कोई भी सदस्य यहां कभी नहीं रुका वे शहर से 15 km दूर रहते है। वे उज्जैन दर्शन करने जरूर आते हैं, लेकिन वापस लौट जाते हैं। इनके अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई प्रदेश सरकार के मंत्री भी कभी रात उज्जैन में नहीं रुकते थे। इंदिरा गांधी 29 दिसंबर 1979 को महाकाल मंदिर आई थीं। जब वे मंदिर पहुंची तब भस्म आरती चल रही थी। इसलिए उन्होंने बाहर से ही दर्शन कर उज्जैन से विदा ले ली।