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Rewa newa मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीवा लोकसभा की सिरमौर विधानसभा के डभौरा में आयोजित जनसभा

 

रीवा। कांग्रेस ने आजादी के बाद 70 से अधिक वर्षों तक देश में राज किया। देश-प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद गरीबों, आदिवासियों को पक्के मकान बनाकर नहीं दिए। इतना ही नहीं आजादी के बाद से अब तक हम सबके आराध्य भगवान श्रीराम गर्भग्रह में प्रवेश नहीं कर सके। इसका कलंक भी कांग्रेस के माथे पर ही रहेगा। कांग्रेस के पास 70 वर्षों के पाप और कलंक धोने का अच्छा मौका था, लेकिन इन्होंने उसे भी ठुकरा दिया।

यदि कांग्रेस श्रीरामलला मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के आमंत्रण को स्वीकार करती और कार्यक्रम में शामिल होती तो भगवान श्रीराम इनके सारे पाप और कलंक धो देते, लेकिन कांग्रेस की तो किस्मत ही खराब है। वह अपने पाप और कलंक धोना ही नहीं चाहती, इसलिए भगवान ने भी उसकी बुद्धि हर ली है। उक्त बातें प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रीवा लोकसभा के सिरमौर विधानसभा अंतर्गत डभौरा में आयोजित जनसभाओं को संबोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीवा लोकसभा की सिरमौर विधानसभा के डभौरा में आयोजित जनसभा को शुरू करने से पहले कहा कि रीवा जिले में एक दुखद घटना हो गई है। यहां पर एक आदिवासी बालक बोर में गिर गया। इसके लिए कलेक्टर-एसपी को निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन बचाव कार्य में जुटा हुआ है, लेकिन सभी मिलकर ईश्वर से बालक के लिए प्रार्थना करें। बारिश होने के कारण बचाव कार्य में भी परेशानियां आ रही हैं, लेकिन फिर भी जिला प्रशासन पूरी तन्मयता के साथ जुटा हुआ है। मैं भी लगातार कलेक्टर-एसपी से संपर्क में हूं। 

 

भगवान श्रीराम का जीवन हमें जीने की कला सिखाता है

मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए भगवान श्रीराम के जीवन की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण का जीवन हमें जीने की कला सिखाता है। भगवान श्रीराम एक आदर्श बेटे, आदर्श पति, आदर्श भाई और आदर्श स्वामी के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने भी कठिन से कठिन दौर देखे। जब वे 14 वर्षों के लिए अयोध्या से निकले तो उनके लिए सबसे अच्छा समय इस विंध्य की धरती पर ही रहा।

चित्रकूट सहित विंध्य की धरती पर वे लंबे समय तक रहे।  मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी भाजपा सरकार ने निर्णय लिया है कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के मध्यप्रदेश में जहां-जहां चरण पड़े, जहां-जहां उनकी लीलाएं हुईं, उन प्रत्येक स्थान को तीर्थ के रूप में विकसित करेंगे।

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