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Baba Ramdev: किन रोगों के मरीजों को कौन से योगासन नहीं करने चाहिए?

योगासन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन गलत रोग में गलत योगासन स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस तरह की स्थिति में बाबा रामदेव से जानें कि किस रोग में कौन सा योग नहीं करना चाहिए?

ECG में कैसे परिवर्तन आ रहे हैं? इन बातों का मॉनिटरिंग इस टेस्ट के दौरान किया गया था। इसके अलावा, स्क्रीन पर भोजन के आइटम भी दिखाए गए थे और इस दौरान मस्तिष्क की गतिविधियों और सभी सेंसर्स की भी अनुभूति हुई और आए रिजल्ट्स चमत्कारी थे। मंत्रों के जाप से रक्तचाप नियंत्रित हुआ। हृदय की धड़कन में सुधार देखा गया, मस्तिष्क में ऑक्सीजन की योग्य आपूर्ति शुरू हुई। इसके लाभ फाइब्रोमाइल्जिया और गठिया में भी दिखे। मंत्रों की ध्वनियों से फेफड़ों को भी मजबूती मिली, सांस रोकने की क्षमता में वृद्धि हुई। वास्तव में, AIIMS के डॉक्टर इस अध्ययन के परिणामों को चमत्कार मान रहे हैं क्योंकि अपनी बीमारी से निराश रहने वाले कई रोगियों का तनाव स्तर भी मंत्रों के जाप से कम हुआ, उन्होंने जीवन के प्रति सकारात्मक बनावट दिखाई। इसीलिए आइए योगगुरु से जानें हवन+मंत्र जाप+योग+प्राणायाम और ध्यान के संयुक्त स्वास्थ्य पैकेज के बारे में।

एक अध्ययन किया गया था AIIMS में मंत्रों के जाप के पीछे छिपी विज्ञान को समझने के लिए और इसमें पाया गया कि योग-ओमकार कई बीमारियों में लाभकारी है। Physiology Department ने इसके लिए एक वायरलेस मॉनिटरिंग प्रणाली का उपयोग किया, जिसमें शरीर में होने वाले गतिविधियों पर नजर रखी गई, डेटा इकट्ठा किया और फिर इसके प्रभाव का विश्लेषण किया गया। इसमें शरीर के तापमान में क्या अंतर होता है, मंत्रों को सुनने या पढ़ने के दौरान सांस की गति क्या है, हृदय की धड़कन क्या है, ये सब विशेषताएँ मॉनिटर की गईं। इसके अलावा, स्क्रीन पर खाद्य पदार्थों का प्रदर्शन किया गया और इसी दौरान, दिमाग की गतिविधियों और सभी सेंसर्स की भी अनुभूति हुई और जो नतीजे आए, वे चमत्कारी थे। मंत्रों के जाप से रक्तचाप नियंत्रित हुआ, हृदय की धड़कन में सुधार देखा गया, मस्तिष्क में ऑक्सीजन की उचित आपूर्ति शुरू हुई। इसके लाभों को फाइब्रोमाइल्जिया और गठिया में भी देखा गया। फेफड़ों को भी मंत्रों की ध्वनियों से मजबूती मिली, सांस रोकने की क्षमता बढ़ी। वास्तव में, AIIMS के डॉक्टर इस अध्ययन के परिणामों को चमत्कार मान रहे हैं क्योंकि अपनी बीमारी से निराश रहने वाले कई रोगियों का तनाव स्तर भी मंत्रों के जाप से कम हुआ, उन्होंने जीवन के प्रति सकारात्मक बनावट दिखाई। जिसके कारण उनके शरीर पर दवा भी तेजी से काम करने लगी। इसलिए आज हम योगगुरु से जानेंगे हवन+मंत्र जाप+योग+प्राणायाम और ध्यान के संयुक्त स्वास्थ्य पैकेज के बारे में।

ECG में कैसे परिवर्तन आ रहे हैं? इन बातों का मॉनिटरिंग इस टेस्ट के दौरान किया गया था। इसके अलावा, स्क्रीन पर भोजन के आइटम भी दिखाए गए थे और इस दौरान मस्तिष्क की गतिविधियों और सभी सेंसर्स की भी अनुभूति हुई और आए रिजल्ट्स चमत्कारी थे। मंत्रों के जाप से रक्तचाप नियंत्रित हुआ। हृदय की धड़कन में सुधार देखा गया, मस्तिष्क में ऑक्सीजन की योग्य आपूर्ति शुरू हुई। इसके लाभ फाइब्रोमाइल्जिया और गठिया में भी दिखे। मंत्रों की ध्वनियों से फेफड़ों को भी मजबूती मिली, सांस रोकने की क्षमता में वृद्धि हुई। वास्तव में, AIIMS के डॉक्टर इस अध्ययन के परिणामों को चमत्कार मान रहे हैं क्योंकि अपनी बीमारी से निराश रहने वाले कई रोगियों का तनाव स्तर भी मंत्रों के जाप से कम हुआ, उन्होंने जीवन के प्रति सकारात्मक बनावट दिखाई। इसीलिए आइए योगगुरु से जानें हवन+मंत्र जाप+योग+प्राणायाम और ध्यान के संयुक्त स्वास्थ्य पैकेज के बारे में।

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