सिंगरौली। पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार जिला स्तर पर एनडीपीएस एक्ट के अपराधो प्रकरणो की विवेचना हेतु इकाई में विवेचको को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। पुलिस अधिक्षक मो.यूसुफ कुरैशी के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा की उपस्थिती में आज रविवार को पुलिस अधीक्षक कार्यलय में बने रुस्तमजी कॉन्फ्रेसिंग हॉल में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बने रुस्तमजी कॉन्फ्रेसिंग हॉल में जिलों के पुलिस अधिकारियों के लिये एनडीपीएस एक्ट के अपराधों में गुणात्मक अनुसंधान मे विवेचकों एवं पर्यवेक्षण अधिकारियों की का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
इस प्रशिक्षण का शुभारंभ मुख्य अतिथि विवेक कुमार पाठक अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा किया गया। इस प्रशिक्षण में प्रमोद कुमार नापित एजीपी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा, पीएस परस्ते, नगर पुलिस अधीक्षक विंध्यनगर, कृष्ण कुमार पाण्डेय, एसडीओपी सिंगरौली, राहुल कुमार सैयाम, एसडीओपी देवसर, आशीष जैन, एसडीओपी चितरंगी, समस्त थाना चौकी प्रभारी एवं विवेचक उपस्थित रहे।प्रशिक्षण में मुख्य अतिथि विवेक कुमार पाठक ( मान. अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश) का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा ने पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। अति0 पुलिस अधीक्षक शिव कुमार वर्मा द्वारा उपस्थित अतिथियों एवं पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस प्रकरणों में गुणात्मक सुधार हेतु आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण की रूपरेखा से अवगत कराया। प्रशिक्षण में उपस्थित पुलिस अधिकारियों से कहा कि यह एक गंभीर विषय है और वर्तमान समय में पुलिस को तकनीकी रूप से दक्ष होने के साथ ही नवीन कानूनी प्रावधानों की भी जानकारी होना आवश्यक है
इसके लिये ही यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। मुख्य अथिति विवेक कुमार पाठक (मान. अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश) ने उपस्थित पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में ड्रग्स के उपयोग से युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद हो रहा है और इसका प्रभाव परिवार के साथ ही समाज पर भी व्यापक रूप से पड़ रहा है। इसलिए एनडीपीएस के प्रकरणों में विवेचना अधिकारी द्वारा माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।
जिससे आरोपी को न्यायालय से सख्त सजा दिलाई जा सके। नवीन टेक्नोलाजी से स्वयं को लगातार अपडेट करते रहना चाहिए। पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस संबंधी प्रकरणों की विवेचना काफी गंभीरता से करनी चाहिए क्योंकि कभी-कभी विवेचक द्वारा की गई एक छोटी सी चूक के कारण आरोपी न्यायालय से बरी हो जाता है। इसका प्रमुख कारण अनुसंधान के दौरान विवेचना का स्तर कमजोर होना होता है। इसलिए प्रत्येक पुलिस अधिकारी को एनडीपीएस प्रकरण की विवेचना करते समय उसका स्तर उच्च रखना चाहिए।